मैं तुम्हारे बारे में नहीं जानता पर मेरे जीवन में जब मुझे सबसे ज्यादा चोट पहुँची है उनमें से कुछ समय वो रहे हैं जब मैंने अपने आप को अस्वीकार और दूसरों की संगत में अनचाहा महसूस किया है. इसके विपरीत, कुछ सबसे ज्यादा प्रोत्साहिक और हृदय को छू लेने वाले पल वे रहे हैं जब दूसरों ने मुझे अपने साथीपन के घेरे में शामिल और आमंत्रित करने के लिए अपनी बाहें और जीवन खोल कर रख दिए.
ये कुछ उसकी तरह है जो मैंने एक समय सुना था जो कुछ इस तरह था,”उसने एक घेरा बनाया जिसके मुझे बाहर छोड़ दिया गया. पर प्रेम में और मुझमें जीतने की शक्ति थी. मैंने एक घेरा बनाया जो उसे अन्दर ले आया.” शायद तुम कह सकते हो कि मैं नासमझ हूँ या मेरे जीवन के शुरू में कुछ ऐसा घटित हुआ जिसने मुझे ऐसा बना दिया है. पर वह समय जब तुम अस्वीकार, अनचाहा, न शामिल किया गया, जिनके साथ तुम होना चाहते हो उनसे बहिष्कृत महसूस करते हो, वह एक अत्यंत निराशामय समय हो सकता है.
परमेश्वर का शुक्र है की मैंने उसे और येशु को कई वर्ष पहले पा लिया और अवश्य ही वे हमारे साथ ऐसा नहीं करते. उसने कहा, “ मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूँगा न त्यागूंगा.” (इब्रानियों १३:५) दूसरे हाथ पर, जैसा की बाइबल कुछ लोगों के बारे में कहती है, ” तुम्हारे अधर्म के कामों ने तुम्हें तुम्हारे परमेश्वर से अलग कर दिया है.” ( यशायाह ५९:२) पर वह एक अलग कहानी है. क्योंकि ”पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र येशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है.” (१ युहन्ना १:७) तो भी, अकेलापन, न शामिल महसूस करना और वास्तव में बाहर छोड़ दिया जाना फिर भी किसी किसी समय पर कई लोगों के लिए सचमुच की हक़ीकत हैं, विश्वासी लोगों के लिए भी.
तो मेरे लिए, परमेश्वर के किसी के अंदर होने की सबसे बड़ी निशानियों में से है वह सची प्रेमभावना, असल शामिल करने वाला प्रेम, और निष्ठावन इंसानी प्यार जो वह अपने लोगों के दिलों में डाल सकता है.दुःख की बात यह है कि यह हमेशा नहीं होता पर फिर किसी किसी समय होता भी है. तुम उसे एकदम महसूस कर सकते हो. वे तुम्हें केवल इसाई होने के नाते नहीं प्यार करते; वे असल में तुम्हें चाहते हैं और तुम्हारे संग घूमना चाहते हैं और वे जो करते हैं उसमें तुम्हें शामिल करना चाहते हैं. दुनिया की सारी धार्मिकता सची इसाई प्रेमभावना और अपनेपन की जगह नहीं ले सकती. और कई बार किसी भी चीज़ से ज्यादा,प्यार की वह दिखाई देने वाली निशानी ही लोगों को चाहिए होती है और जिसका उनपे असर होता हैं.
मुझे परमेश्वर का वचन प्यारा है, मैं बाइबल भविष्यवाणी में काफ़ी रुची रखता हूँ, मैं इस दुनिया में परमेश्वर की सेवा करने में विश्वास करता हूँ. लेकिन वे बातें जो मेरे लिए सबसे कीमती रही हैं, उनमें से कुछ वे साथी भाई बेहेन रहे हैं जिन्होनें घेरा खींचकर मुझे अपनों में गिना. तुम सोचोगे कि ऐसा ही होता होगा हर समय पर अवश्य ऐसा नहीं होता है, किसी एक कारण के द्वारा.
लोग व्यस्त हैं. लोग अपने बोझ ढो रहे हैं. मुझे ये कहना पसंद नहीं है पर किसी तरह ऐसा भी होता है की हममें से कुछ हममें से दूसरों को पसंद नहीं कर पाते. शायद ये व्यक्तित्व का मुद्दा है, शायद हम दूसरों में कुछ अजीब बात देखते हैं,शायद हमनें गपशप द्वारा किसी के बारे में कुछ सुना है जिसके कारण हम उन्हें न पसंद करने लगे हैं. परमेश्वर हमें माफ़ करें.
सबको प्यार ही की ज़रूरत है. कुछ लोग बड़े परिवार से घिरे हुए होते हैं और उनके कई प्रियजन और रिश्तेदार निकट में होते हैं. दूसरे किसी एक कारणवश लगभग अकेले ही होते हैं. लेकिन सबको प्यार की ज़रूरत है और अवश्य ही सबको प्यार देने की ज़रूरत है. और तुम इसे एकदम महसूस कर सकते हो, एक तरह या दूसरी. इसाई होना और परमेश्वर के परिवार का हिस्सा होना इसे और भी ज्यादा मुमकिन और होने लायक बना देना चाहिए कि तुम्हे प्यार मिले और तुम इस प्रेमभावना, शामिल होने और सौहार्द को महसूस कर सको जिसकी करीबन सभी को ज़रूरत है.
मैं जानता हूँ यह वैसी चीज़ नहीं है जिसके बारे में मैं आम तौर पर लिखता हूँ लेकिन यह फिर भी येशु की शिक्षायों का आधार है. “यही मेरी आज्ञा है की तुम एक दूसरे से प्रेम करो.” (युहन्ना १५:१२) “इसी से सब मनुष्य जानेंगे की तुम मेरे शिष्य हो यदि तुम एक दूसरे के प्रति प्रेम रखोगे.” (युहन्ना १३:३५) लेकिन येशु ने अपने वापिस आने से ठीक पहले के आखरी दिनों के बारे में कहा, “ और क्योंकि अधर्म बड़ता जायेगा, कईयों का प्रेम ठंडा हो जाएगा.” (मत्ती २४:१२) शायद उस समय की और निशाना किया जा रहा है जिसमें हम अब रह रहे हैं. यात्रा और जानकारी निश्चित रूप से बढ़ गए हैं, जैसा की देवदूत ने दानिएल को बताया था कि ये अंत के समय की एक निशानी होंगे. (देखिये दानिएल १२:४). लेकिन अन्तकाल की कठोरता, अकेलापन, वर्जनता और सख्त हृदयता भी कई सारी जगहों में बहुत फैले हुए हैं.
तो फिर उनके लिए जो इस अंत के समय में न्यू वर्ल्ड आर्डर और शैतान और अंधियारे के सारे कर्मों का पर्दाफाश करने की कोशिश में जागृत हैं, यह याद रखना भी अच्चा होगा कि एक प्रेमरहित, मित्रहीन दरिद्रता भी अंत के समय की एक साफ़ दिखाई देने वाली निशानी है. हमें इसका पर्दाफाश और विरोध करने के लिए वो सब करना चाहिए जो हम कर सकते हैं, एकदम उतना ही यदि उससे ज्यादा नहीं जो हम झूठे तंत्रों और सरकारी साज़िशों का पर्दाफाश करने में करते हैं जो हमारा इतना सारा ध्यान लेती हैं.
शायद इसके बारे में बात करने से मदद मिलती है. शायद ये याद रखना मदद करता है, कि परमेश्वर के प्रति हमारी सेवाभावना और दूसरों को उसके प्रति जीतने की हमारी सारी वचनबद्धता में, हमारी सबसे बड़ी गवाही का हिस्सा, और सबसे महान आज्ञा, और हमारी सबसे बढ़ी ज़रूरत अक्सर प्यार करना और प्यार किया जाना है, ये महसूस करना की एक घेरा बनाया गया है जिसमें हमें शामिल किया गया है. या कि तुम घेरे बना रहे हो जो उनको शामिल करते हैं जो बाहर हैं और अन्दर झाँक रहे हैं, वे जिनके जीवन में और कोई नहीं है और जो मित्रों और साथीपन के न होने के कारण शायद आज ख़त्म हो जाएँ. आईये हम सब अपने दिलों और जीवन को अपने आसपास वाले जो आज मित्रों और साथीपन के न होने के कारण शायद ख़त्म होने जा रहे हों उनकी ओर न खोलने के प्रति चौकन्ने रहें. “बुराई से न हारो, परन्तु भलाई से बुराई को जीत लो.” (रोमियो १२:२१)
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