[The text to the Daniel 2 video in Hindi]
अपने पिछले अध्ययन में हमने वह देखा जो आप में से कुछ लोगों के लिए नया था: भविष्यवाणी और वास्तविक संसार में उसका पूरा होना. अपने पिछले अध्ययन में हमने पुराने नियम की कुछ प्रमुख भविष्यवाणीयों देखा और साथ ही इजराइल के इतिहास में राष्ट्र और लोगों के लिए कैसे ये भविष्यवाणी पूरी हुईं इस पर एक उड़ती नजर डाली.
और संक्षिप्त में हमने यह भी देखा कि बाइबल की कुछ भविष्यवाणी अभी भी पूरी होना बाकी हैं जिसका प्रभाव मेरे आपके और इस संसार पर पड़ सकता है. वास्तव में अपने पिछले अध्ययन के अनुसार फिर से यह बताना चाहता हूँ कि जब चेलों ने यीशु से संसार के भविष्य के बारे में पूछा, तब उसने विशेष रूप से दानिएल भविष्यवक्ता के बारे में कहा “इसलिए जब तुम …(भविष्य की घटनाएँ) …जिसकी चर्चा दानिएल भविष्यवक्ता के द्वारा हुई थी,(जो पढ़े वह समझे) मत्ती २४:१५
“जो दानिएल की भविष्यवाणी को पढता है वह समझे” इसका अर्थ यह है कि जो कुछ दानिएल ने कहा है वह महत्वपूर्ण है. अत: अब हंम दानिएल के दुसरे अध्याय का अध्ययन करने जा रहे हैं जिसे लगभग सभी मतों के विद्वानों में सम्पूर्ण बाइबल में संसार के इतिहास और भविष्य का संक्षिप्त चित्रण स्वीकार किया है. आइये हम देखे कि दानिएल कौन था, उसका जीवन कैसा था, और भी कुछ.
यह लगभग 604BC का समय है जबकि दानिएल शायद उस समय अपनी किशोर अवस्था में था. उसका देश यहूदा (जो उस समय कहलाता था) 800 वर्षो के अपने स्वतंत्र राज्य के अस्तित्व के अन्तिम कुछ वर्षों और महीनो में था.
यह एक बढ़ते हुए जवान के लिए एक अस्थायी कष्टदायक अशुभ समय था. उस समय के संसार की सबसे बड़ी खबर यह थी कि कुछ वर्षो पूर्व ही उस समय सबसे शक्तिशाली Assyria का पतन, और बेबीलोन के राज्य का उद्गम जो अपने पहले का सब कुछ जीतते और अपने अधीन कर रहा था.
604BC में, बेबीलोन के राजा नबुकद्नेसर ने यहूदा और यरूशलेम जो पुराने राज्य की राजधानी इजराइल के रूप में जाना जाता था के विरुद्ध एक सेना की टुकड़ी भेजा. इसी धरपकड़ के दौरान हमारा जवान किशोर दानिएल बन्धुए और गुलाम के रूप में सैकडों मील दूर बेबीलोन की ओर ले जाया गया.
इसके बाद वे बेबीलोन ले जाये गये. दानिएल और उसके तीन दोस्त जो इजराइल के राज घराने से सम्बन्ध रखते थे उन्हें एक प्रशिक्षण देने वाले स्कूल में रखा गया. तत्काल उन्होंने अपने आप को अपने सच्चे विश्वास और दृढ मत में अपने नये शासकों के साथ सहयोग करते हुए भी अलग कर लिया.
बेबीलोन अपने समय में वैसा ही आदर और प्रेरणादायक शहर था जैसे कि रोम और एथेंस. या फिर आज के आधुनिक शहरो के जैसा. बेबीलोन सोने का शहर कहलाता था, — शिक्षित, आधुनिकतावादी, शक्तिशाली – उस समयों के लिए विश्व का केंद्र और लगभग अजेय था.
हम कहानी को उस समय से आरम्भ करते हैं जबकि दानिएल और उसके मित्र बेबीलोन में तीन वर्षों से रह रहे थे. हम क्या देखते हैं कि नबुकद्नेसर राजा एक स्वप्न देखता है. और वह स्वप्न उसे याद नहीं है. यह तो किसी के साथ भी हो सकता है परन्तु यह कुछ विशेष था. क्योंकि उस समय वह वास्तव में संसार या कम से कम सभ्य समाज में सबसे अधिक पहचान रखने वाला शासक था. और तत्काल अपना रास्ता खुद चुन लेता था.
अत: उसने वही किया जो एक संसार का शासक करता. उसने संसार के सभी ज्योतिषी, जादूगरों और तंत्र मन्त्र करने वालों सबको बुलाया. और उसने कहा:
“मैंने एक स्वप्न देखा है, और मेरा मन व्याकुल है कि स्वप्न को कैसे समझूँ?” (दानिएल २:३)
ऐसा प्रतीत होता है कि लोग पिछले २६०० वर्षों में भी नहीं बदले क्योंकि उसके सलाहकारों ने उत्तर दिया:
“…हे राजा तू चिरंजीवी रहे! अपने दासों को स्वप्न बता, और हम उसका फल बताएँगे.” (दानिएल २:४)
नबुकद्नेसर ने उन्हें देखा और कहा:
“… मैं यह आज्ञा दे चूका हूँ कि यदि तुम फल समेत स्वप्न को न बताओगे तो तुम टुकड़े–टुकड़े किये जाओगे, और तुम्हारे घर फुंकवा दिए जाएँगे. पर यदि तुम फल समेत स्वप्न को बता दो तो मुझसे भांति–भांति के दान और भारी प्रतिष्ठा पाओगे”. (दानिएल २:५-६)
सलाहकार फिर आग्रह करने लगे और राजा के द्वारा पुन: धमकाए जाने के बाद उन्होंने कहा;
“पृथ्वी भर में ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो राजा के मन कि बात बता सके; और न कोई ऐसा राजा, या प्रधान, या हाकिम कभी हुआ है जिसने किसी ज्योतिषी,या तंत्री, या कसदी से ऐसी बात पूछी हो. जो बात देवताओं को छोड़कर जिनका निवास मनुष्यों के संग नहीं है, और कोई दूसरा नहीं,जो राजा को यह बता सके”.(दानिएल २:१०-११)
वास्तव में यह सच है कि कोई भी आपने जो स्वप्न देखा है वह कैसे बता सकता है. लेकिन यह नबुकद्नेसर के लिए बहुत ही असंतोषजनक था और उसने तत्काल यह आज्ञा दी कि सब ज्योतिषी, तंत्री, और कसदियों को मार डाला जाए. और यह दानिएल और उसके दोस्तों के स्कूल की स्थिति थी.
अब यदि आपने इसके बारे में पहले कभी नहीं सुना है तो आप यह सोचेंगे कि इस प्राचीन इतिहास में ऐसा क्या है जो भविष्यवाणी और भविष्य से सम्बंधित हो? लेकिन धीरज रखे हम विषय पर आ रहे हैं.
तब आगे आप जानते हैं कि राजा के प्रधानो में से एक जो दानिएल और उसके दोस्तों की देखभाल के लिए नियुक्त था उसने उन्हें दंड के लिए तैयार रहने को कहा. दानिएल ने पूछा कि यह क्यों हो रहा है और उसने जब राजा के स्वप्न के बारे में जाना तो उसने अपने परमेश्वर से प्रार्थना करने का समय माँगा, ताकि परमेश्वर उसे स्वप्न और फल दोनों को बता दे.
तब उसे यह अनुमति मिल गई और दानिएल अपने दोस्तों के साथ प्रार्थना करने लगा. वह उस स्वप्न का अर्थ कैसे बता सकता था जबकि उसे स्वप्न ही नहीं मालूम था.
तब यहाँ देखिये कि वचन क्या कहता है:
“तब वह भेद दानिएल को रात के समय दर्शन के द्वारा प्रगट किया गया…..” (दानिएल २:१९)
इसका अर्थ यह है कि परमेश्वर ने वास्तव में दानिएल को नबुकद्नेसर का स्वप्न क्या है और उसके फल को बताया. यह परमेश्वर की अलौकिक शक्ति के बिना असम्भव था! इसलिए उसने धन्यवाद की वास्तविक प्रार्थना किया:
दानिएल ने उत्तर दिया और कहा:
“परमेश्वर का नाम युगानुयुग धन्य है, क्योंकि बुद्धि और पराक्रम उसी के हैं. समयों और ऋतुओं को वही बदलता है, राजाओं का अस्त और उदय भी वही करता है; बुद्धिमानो की बुद्धि और समझवालों को समझ भी वही देता है; वही गूढ़ और गुप्त बातों को प्रगट करता है; वह जानता है कि अन्धियारे में क्या है, और उसके संग सदा प्रकाश बना रहता है; हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद और स्तुति करता हूँ, क्योंकि तूने मुझे बुद्धि और शक्ति दी है, और जिस भेद का खुलना हम लोगों ने तुझसे माँगा था, उसे तूने मुझ पर प्रगट किया है, तूने हमको राजा की बात बताई है.” (दानिएल २:२०-२३)
तब दानिएल राजा के प्रधान के पास गया और उससे कही कि मुझे नबुकद्नेसर के पास ले चलो ताकि मैं उसके स्वप्न और भेद को बता सकूँ.
यह वास्तविक घटना है न ही कोई मूवी या ड्रामा. जैसा कि बाइबल में दर्शाया गया है ऐसा प्रतीत होता है कि दानिएल उस समय लगभग १४ वर्ष का होगा. उसे और उसके दोस्तों को कई बार बच्चा कहा गया. वह यहाँ एक निर्वासित जवान था, जो अपने परिवार से दूर, अपने धार्मिक आधार से दूर, संसार के सबसे क्रूर, निर्दयी, क्रोधी, शासक के सामने जाने को तैयार था ताकि राजा ने जो स्वप्न देखा और उसका फल बताने जा रहा था. जैसे सारी सम्भावनाएं विपरीत ही क्यों न हो लेकिन उसे परमेश्वर पर विश्वास था.
दानिएल को राजा के सम्मुख लाया गया और ऐसा प्रतीत होता है कि सिंहासन के समक्ष सारे लोग उपस्थित थे. और राजा ने उससे पूछा:
“क्या तुझमे इतनी शक्ति है कि जो स्वप्न मैंने देखा ही, उसे फल समेत मुझे बताये?” (दानिएल २:२६)
“जो भेद राजा पूछता है, वह न तो पंडित, न तंत्री, न ज्योतिषी, न दूसरे भाषी बताने वाले राजा को बता सकते हैं, परन्तु भेदों का प्रगटकर्ता परमेश्वर स्वर्ग में है, और उसी ने नबुकद्नेसर राजा को बताया है कि अंत के दिनों में क्या क्या होने वाला है. तेरा स्वप्न और जो कुछ तूने पलंग पर पड़े हुए देखा वह यह है.” (दानिएल २:२७-२८)
दानिएल के पास निर्भीकता और आत्मविश्वास था! और उसने तुरंत सारा श्रेय परमेश्वर को दिया अपने आप को नहीं वह यहाँ कहता है कि स्वर्ग का परमेश्वर राजा को यह बता रहा है कि अंत के दिनों में क्या होगा. अत: यह परमेश्वर की ओर से राजा को भविष्य के बारे में भविष्यवाणी का सन्देश था.
“…तेरा स्वप्न और जो कुछ तूने पलंग पर पड़े हुए देखा है: हे राजा जब तुझको पलंग पर यह विचार आया कि भविष्य में क्या-क्या होने वाला है,( यहाँ पर फिर से भविष्य का सन्देश है) तब भेदों को खोलने वाले ने मुझे बताया कि क्या क्या होने वाला है.” (दानिएल २:२८-२९)
यदि अपने पहले यह कभी नहीं सुना है तो आरम्भ में यह आपको आश्चर्यजनक और भेदों से भरा हुआ प्रतीत होगा. दानिएल राजा को पहले उसने स्वप्न में क्या देखा और उसके बाद स्वप्न का फल बताने जा रहा है.
“ हे राजा जब तू देख रहा था, तब एक बड़ी मूर्ति देख पड़ी, और और वह मूर्ति जो तेरे सामने खड़ी थी वह लम्बी चौड़ी थी; उसकी चमक अनुपम थी, और उसका रूप भयंकर था”. (दानिएल २:३१)
“ उस मूर्ति का सिर तो चोखे सोने का था, उसकी छाती और भुजाएँ चाँदी की, उसका पेट और जाँघें पीतल की. उसकी टाँगें लोहे की और उसके पाँव कुछ तो लोहे के और कुछ मिट्टी के थे. (दानिएल २:३२-३३)
“ फिर देखते देखते तूने क्या देखा कि एक पत्थर ने, बिना किसी के खोदे, आप ही आप उखडकर उस मूर्ति के पावों पर लगकर जो लोहे और मिट्टी के थे उनको चूर चूर कर डाला”. (दानिएल २:३४)
“ तब लोहा, मिट्टी, पीतल, चाँदी और सोना भी सब चूर चूर हो गए, और धुपकाल में खलियानों के भूसे के सामान हवा से ऐसे उड़ गए कि उनका कहीं पता न रहा;
और वह पत्थर जो मूर्ति पर लगा था, वह पहाड़ बनकर सारी पृथ्वी में फ़ैल गया”. (दानिएल २: ३५)
उस समय उस कमरे में एक अदभुत अहसास हो रहा होगा. क्या इस समय दानिएल ने एक क्षण ले लिए भी कभी यह सोचा कि यदि वह गलत हुआ तो क्या होगा? क्या नबुकद्नेसर के सभी ज्ञानी लोग यह पूर्णतया विश्वास कर रहे थे कि यह जवान विदेशी बच्चा कुछ ही मिनटों में उनके सम्मुख टुकड़े टुकड़े कर दिया जावेगा. जब दानिएल ने अनजान अदभुत स्वप्न के बारे में बताना आरम्भ किया तब नबुकद्नेसर क्या अनुभव कर रहा था और उसकी क्या प्रतिक्रिया थी? आइये हम देखें कि दानिएल जब नबुकद्नेसर को स्वप्न का अर्थ बताना आरम्भ करता है तब क्या कहता है.
“स्वप्न तो यों ही हुआ, और अब हम उसका फल राजा को समझा देते हैं. हे राजा तू तो महाराजधिराज है, क्योंकि स्वर्ग के परमेश्वर ने तुझको राज्य, सामर्थ्य, शक्ति और महिमा दी है, और जहाँ कहीं मनुष्य पाए जाते हैं, वहां उसने उन सभों को और मैदान के जीवजंतु, और आकाश के पक्षी भी तो तेरे वश में कर दिए हैं; और तुझको उन सबका अधिकारी ठहराया है. यह सोने का सिर तू ही है”. (दानिएल २:३६-३८)
दानिएल ने नबुकद्नेसर से कहा सोने का सिर तू ही है. यह इस स्वप्न के भेद को जानने कि कुँजी है. “नबुकद्नेसर तू और तेरा साम्राज्य बेबीलोन सोने के सिर हैं”.
“तेरे बाद एक राज्य और उदय होगा जो तुझसे छोटा होगा; (दानिएल २:३९अ)
फिर एक और तीसरा पीतल का सा राज्य होगा जिसमे सारी पृथ्वी आ जाएगी”.(दानिएल २:३९ब)
यहाँ से भविष्य के लिए कथन आरम्भ होता है. वह उसे बता रहा है कि उसके बाद कौनसे राज्य आने वाले हैं. अभी हम यहाँ देखेंगे कि दानिएल ने क्या कहा और उसका स्पष्टीकरण आगे देखेंगे.
“ चौथा राज्य लोहे के तुल्य मजबूत होगा; लोहे से तो सब वस्तुएँ चूर चूर हो जाति और पिस जाती हैं; इसलिए जिस भांति लोहे से वे सब कुचली जाती हैं, उसी भांति उस चौथे राज्य से सब कुछ चूर चूर होकर पिस जाएगा”. (दानिएल २:४०)
“तूने जो मूर्ति के पावों और उनकी उँगलियों को देखा, जो कुछ कुम्हार की मिट्टी की और कुछ लोहे की थीं, इससे वह चौथा राज्य बटा हुआ होगा; तौभी उसमे लोहे का सा कड़ापन रहेगा, जैसे कि तूने कुम्हार की मिट्टी के संग लोहा मिला हुआ देखा था. जैसे पावों को उँगलियाँ कुछ तो लोहे कि और कुछ मिट्टी की थीं, इसका अर्थ यह है कि वह राज्य कुछ तो दृढ और कुछ निर्बल होगा”. (दानिएल २:४१-४२)
यदि अपने अभी तक कुछ नहीं समझा है तो थोडा धीरज रखिए हम अभी इस पर आ रहे हैं. लेकिन आगे के पद को ध्यान से देखिये क्योंकि यह शायद अध्याय का सबसे महत्वपूर्ण पद है.
“ उन राजाओं के दिनों में स्वर्ग का परमेश्वर एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनंतकाल तक न टूटेगा, औए न वह किसी दूसरी जाति के हाथ में किया जाएगा. वरन वह उन सब राज्यों को चूर चूर करेगा, और उनका अन्त कर डालेगा; और वह सदा स्थिर रहेगा;” (दानिएल २:४४)
जैसा तूने देखा कि एक पत्थर किसी के हाथ के बिन खोदे पहाड़ में से उखड़ा, और उसने लोहे, पीतल, मिट्टी, चाँदी, और सोने को चूर चूर किया, इसी रीति महान परमेश्वर ने राजा को बताया है कि इसके बाद क्या क्या होनेवाला है. न स्वप्न में और न उसके फल में कुछ संदेह है”. (दानिएल २:४५)
तब दानिएल ने अपनी बात ख़त्म किया और वहीँ खड़ा रहा. निश्चय ही दानिएल और नबुकद्नेसर एक दुसरे को देख रहे होएँगे. निश्चय ही यह वहाँ उपस्थित सभी लोगों के बीच एक चुप्पी का माहौल होगा. क्या दानिएल मार डाला जाएगा या उसने नबुकद्नेसर को सब कुछ सही बताया आइये हम देखते हैं.
“इतना सुनकर नबुकद्नेसर राजा ने मुँह के बल गिरकर दानिएल को दण्डवत किया, और आज्ञा दी कि उसको भेट चढाओ, और उसके सामने सुगंध वस्तु जलाओ. (दानिएल २:४६)
नबुकद्नेसर दानिएल के सामने अपनी राज सभा के समक्ष मुँह के बल गिर गया और आज्ञा दी कि उसके सामने पशुओ की बलि चढाओ! क्या आप जानते हैं कि इसका मतलब क्या था इसका अर्थ है कि जो कुछ भी नबुकद्नेसर ने स्वप्न में देखा और राजा यह निश्चित जानता था कि उन सब बातो का यही स्पष्टीकरण हो सकता था!
“फिर राजा ने दानिएल से कहा, ‘’ सच तो यह है कि तुम लोगों का परमेश्वर, सब ईश्वरों का ईश्वर राजाओं का राजा और भेदों का खोलने वाला है, इसीलिए तू यह भेद प्रगट कर पाया.”(दानिएल २:४७)
“तब राजा ने दानिएल का पद बड़ा किया, और उसको बहुत से बड़े बड़े दान दिए; और यह आज्ञा दी कि वह बेबीलोन के सारे प्रान्त पर हाकिम और बेबीलोन के पंडितों पर मुख्य प्रधान बने.” (दानिएल २:४८)
जरा सोचिये कि किसी देश का शासक एक जवान किशोर जो कि एक निर्वासित और वास्तव में एक युद्ध बन्दी था के पैरो पर गिर जाए. यह उस समय सारे संसार के समक्ष इस शासक के लिए एक अकल्पनीय प्रभाव था. आइये हम इन सबको देखे और इसका अर्थ जाने. पद ३८ के द्वारा हम जानते हैं कि दानिएल ने कहा कि सोने का सिर नबुकद्नेसर और उसके सम्राज्य बेबीलोन को प्रदर्शित करता है.
“और जहाँ कहीं मनुष्य पाए जाते हैं, वहाँ उसने उन सभों को, और मैदान के जीवजन्तु, और आकाश के पक्षी भी तेरे वश में कर दिए हैं; और तुझको उन सबका अधिकारी ठहराया है. यह सोने का सिर तू ही है.” (दानिएल २:३८)
और अगला पद बताता है कि चाँदी एक दूसरा राज्य जो छोटा होगा का प्रतीक है. अत: मूर्ति के ये भाग राजा या उसके राज्य को प्रदर्शित करते हैं. लेकिन क्यों नबुकद्नेसर और उसका राज्य बेबीलोन को “सोने का सिर” प्रदर्शित किया गया है. कुछ लोग यह सोचते हैं कि दानिएल वहाँ नबुकद्नेसर की चापलूसी कर रहा था. लेकिन परमेश्वर ने स्वयं यह स्वप्न दिया इस कारण यह सम्भव नहीं है. अब यहाँ हम नबुकद्नेसर के परमेश्वर पर बढ़ते हुए विश्वास को देखते हैं जब उसने दानिएल को कहा “सच तो यह है कि तुम लोगों का परमेश्वर सब ईश्वरों का ईश्वर, राजाओं का राजा और भेदों का प्रगट करने वाला है.” (दानिएल २:४७)
अत: उस समय यहाँ अब्राहम के परमेश्वर को सबसे बड़ा ईश्वर प्रमाणित किया. दानिएल के अध्याय ३ में नबुकद्नेसर ने सभी लोगों को यह आज्ञा दी कि सब जगहों पर दानिएल के ईश्वर की उपासना की जावे. और अध्याय ४ जो कि वास्तव में पूरा नबुकद्नेसर ने लिखा है. वह परमेश्वर की महान सामर्थ्य के द्वारा अपने आप को शून्य और पुनर्स्थापित करने पर अपने हृदय के पूर्ण परिवर्तन को बताता है. कोई अन्य विदेशी राजा इस हद तक नहीं पहुंचा जितना कि नबुकद्नेसर और इसीलिए परमेश्वर ने उसे और उसके साम्राज्य बेबीलोन को धन और ज्ञान के साथ सिर के रूप में प्रदर्शित किया. लेकिन आगे दानिएल मूर्ति के अगले हिस्से के बारे में बताता है, छाती और भुजाएँ चाँदी के, जो उस राज्य को प्रदर्शित करता है जो नबुकद्नेसर के बाद होगा या दुसरे शब्दों में बेबीलोन के बाद आएगा.
बेबीलोन के बाद कौन आएगा? ठीक लगभग ५० वर्षों के बाद, नबुकद्नेसर के पोते के समय बेबीलोन के ऊपर दो राज्यों द्वारा कब्जा कर लिया गया Medes और Persians.
आप यह पूछ सकते हैं कि यह दोहरा साम्राज्य क्या है? इतिहास बताता है कि medes उस जगह से आए थे जोकि आज नार्थवेस्ट ईरान कहलाता है और ये वे लोग हैं जिन्होंने सबसे पहले बेबीलोन पर कब्जा किया था. क्या आपने कभी “दीवार पर हाथ की लिखावट” के बारे में सुना है.
यह वास्तव में दानिएल के ५ वे अध्याय से है जहाँ नबुकद्नेसर के पियक्कड़ पोते की पार्टी में प्रगट रूप से एक हाथ दिखाई दिया था. उस हाथ ने यह लिखा कि “तकेल, अर्थात तू मानो तराजू में तौला गया और हल्का पाया गया है.” (दानिएल ५:२७) और इस प्रकार बेबीलोन का राज्य medes और persian को सौंप दिया गया.
यह अध्याय हमे आगे बताता है कि उसी रात को बेबीलोन की सुरक्षा तोड़ दी गई और medes ने उनको हर कर शहर में प्रवेश कर लिया.
लेकिन मजबूत गठबन्धन वाला दूसरा सहयोगी Persian था. ये दोनों लोग प्राचीन संसार में अगली बड़ी शक्ति बन गये थे. अत: मूर्ति का अगला भाग दो हाथ थे जो यह प्रदर्शित करते थे कि बेबीलोन का सम्राज्य कुछ दोहरी प्रकृति वाला होगा. और निश्चय ही अगला सम्राज्य Medes और Persian दोनों का था. इसी प्रकार हम आगे देखेंगे.
अत: अब इतिहास से हम जानते हैं कि बेबीलोन के बाद आने वाला राज्य “चाँदी के हाथ” जिसकी यहाँ भविष्यवाणी की गई है वह Medes और Persian थे. वो तीसरा राज्य “पीतल का भाग” क्या है? इतिहास से हम जानते हैं कि एलेग्जेंडर महान की अगुवाई में ग्रीस ने ३३३ BC में Persia पर कब्जा कर लिया था. ग्रीस के बारे में पेट और जांघे पीतल की के सम्बन्ध में क्या कोई लक्षण है? वैसे तो ये भाग शारीरिक रूप से महत्वपूर्ण इन्द्रियों का भाग कहा जाता है. और ये लोग बहुत धार्मिक विचारो के थे जैसा कि बाइबल में बताया गया है कि आत्मा का स्थान शरीरों के बीच में होता है.
और “चौथा लोहे का राज्य” आप इस बारे में क्या सोचते हैं? अब रोमियों ने ग्रीस से संसार की शक्ति को लगभग ४४ BC में ले लिया था. यहाँ लक्षण बिलकुल साफ हैं. जैसे कि रोमी सेना लोहे के समान इतनी मजबूत थी कि उनके लगभग 100 वर्षों के शासनकाल में मूलतः कोई लड़ाई नहीं हुई. यह समय
“रोम की शांति” का था और कोई ऐसा राष्ट्र नहीं था जो उनके विरुद्ध उठ खड़ा होता. एक और बात है जो रोमन सम्राज्य के चित्रण में सही है जो कि सैंकड़ो वर्ष पूर्व आरम्भ हुई थी. क्या आप इटली रोमी राज्य की भूमि का मुख्य भाग के आकार के बारे में जानते हैं? इसका आकार किसके समान है? यह एक पैर या बूट के समान है. और आपके शरीर का सबसे लम्बा भाग कौन सा है? ये आपके पैर ही होते हैं. रोमी सम्राज्य अपने रोम के शहर से लगभग ५०० वर्षों तक जारी रहा.
जैसा कि हमने देखा “दो” भुजाएँ Persia और Medes को प्रगट करती हैं. और यहाँ मूर्ति के “दो” पाँव हैं. क्या रोमी सम्राज्य भी दो था? निश्चित था. रोम के पतन के बाद पश्चिमी भाग का विध्वंस हो गया. लेकिन एक पूर्वी भाग भी था, जोकि Byzantine सम्राज्य कहलाया, जोकि 1000 वर्षों तक चलता रहा, इस पूर्वी भाग का मुख्यालय Constantinople था जोकि आज Istanbul कहलाता है. अत: दो पाँव, चौथे सम्राज्य के दो भाग जैसा कि हमने देखा यह दानिएल और नबुकद्नेसर को लगभग ५०० वर्षो पूर्व ही दिखा दिए गए थे.
तब चौथे सम्राज्य के बाद, रोम के सम्बन्ध में स्थिति बदल गई. वैसे इन अनजान अंगुलियों के बारे में बहुत कुछ है, “… जो कुछ कुम्हार की मिट्टी की और कुछ लोहे की थी.” (दानिएल २:४१) इसका अर्थ क्या हो सकता है? अब जबकि लोहा निरंकुश रोमी सीजर और उसके बाद के निरंकुश शासको को दर्शाता है तो वहीँ मिट्टी जनता की सरकार या लोकतंत्र को दर्शाता है. मिट्टी परमेश्वर के शब्दों में “मनुष्यों” को दर्शाता है. जैसा कि यशायाह ६४:८ कहता है “… देख हम तो मिट्टी हैं…”
अत: जनता की सरकार या लोकतंत्र “मिट्टी” की सरकार है. यह एक कमजोर प्रकार की सरकार है क्योंकि इसके पास “लोहे की शक्ति” (दानिएल २:४१) नहीं हैं. जोकि शक्तिशाली मनुष्य की निरंकुशता और उनका मजबूत शासन को दर्शाता है. जैसा कि कुछ निरंकुशताओ को हम इतिहास में आज भी देखते हैं.
और यह कहता है “सम्राज्य बंटा हुआ रहेगा” (दानिएल २:४१) रोम के पतन के बाद राष्ट्रों के टुकड़े हो गये थे, कोई ऐसी शक्ति नहीं थी जो प्रबल हो, हालाँकि नेपोलियन और हिटलर जैसे लोगों ने यह प्रयास किया. समय समय पर लगभग समान शक्ति वाले राज्य अपने अस्तित्व में रहे जैसे british, Spanish, ottoman, और chinese. लेकिन कोई भी राष्ट्र ऐसा प्रबल शक्तिशाली नहीं हुआ जैसे कि रोम अपने समय में था.
लेकिन “…उस पत्थर ने बिना किसी के खोदे …” (दानिएल २:३४) यह क्या है? जो मूर्ति पर लगा, कहाँ? अंगुलियों पर. यह दर्शाता है कि इतिहास के किस बिंदु पर, किस समय पर और कब यह घटित हुआ होगा? रोम के पतन के बाद. और यह पत्थर क्या करता है? यह संसार के सारे समराज्यों को और मनुष्य के सम्राज्य को चकनाचूर कर देता और नष्ट कर देता है. दानिएल क्या कहता पत्थर अंगुलियों पर लगता है और पूरी मूर्ति चूर चूर होकर धूल हो गई और उड़ गई यह क्या दर्शाता है?
यहाँ वह नबुकद्नेसर से क्या कहता है शायद अध्यययन का सबसे अधिक महत्वपूर्ण पद.
“उन राजाओं के दिनों में [कौन से राजा? अँगुलियों के समय हम इसके बारे में और अध्ययन करने जा रहे हैं] स्वर्ग का परमेश्वर, एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनन्तकाल तक न टूटेगा, और न वह किसी दूसरी जाति के हाथ में किया जाएगा. वरन वह उन सब राज्यों को चूर चूर करेगा, और अन्त कर डालेगा, और वह सदा स्थिर रहेगा.” (दानिएल २:४४)
वह पत्थर “जो मूर्ति पर लगा” वह “बड़ा पहाड़ बन कर सारी पृथ्वी में फ़ैल गया”. परमेश्वर स्वयं इस पृथ्वी पर एक सम्राज्य बनाने जा रहा है.
कब? उस समय जो राष्ट्र रोमी सम्राज्य के बाद बचे या निकल कर आए वे लोहे और मिट्टी की अंगुलियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसका क्या अर्थ होता है “पत्थर बिना किसी के खोदे” (दानिएल २:३४) यीशु को “सिरे का पत्थर” कहा गया है. (इफिसियों २:२०) जिसे कि मनुष्यों ने अस्वीकार कर दिया परन्तु वह परमेश्वर का चुना हुआ था. वह उस सम्राज्य का वारिस होने जा रहा है जो उसके लिए और उनके लिए जिन्होंने उसे चुना है तैयार की गई है.
और अब मैं यह आशा करता हूँ कि आपने कुछ पाया है. हम देखते हैं कि अभी कुछ बाकी है जोकि पूरा होना है. हम एक भविष्यवाणी को देखते हैं जो अभी पूरी होना बाकी है: उस पत्थर का आना जोकि मनुष्यों के सम्राज्य को चूर चूर करेगा, हम पृथ्वी पर परमेश्वर का राज्य उसके पुत्र यीशु के द्वारा आने वाला है देखते है.
और हम कैसे संदेह कर सकते हैं? नबुकद्नेसर ने भी नहीं किया. वह जानता था कि यही वह सपना है जो उसने देखा था और वह दानिएल के पैरों पर गिर पड़ा. राजा नबुकद्नेसर ने यह स्वीकार किया कि यह परमेश्वर का अदभुत चमत्कार ही है, जिसके परिणामस्वरूप दानिएल को उसने अपने सलाहकार के रूप में पदोन्नत किया.
यह इस भविष्यवाणी की सबसे अदभुत बात है. इनमे से बहुत सी तो पूरी हो चुकी हैं, सम्राज्य आए और चले गये! तो जैसा कि कहा गया है, अन्तिम अभी तक क्यों पूरी नहीं हुई?
परमेश्वर चाहता है कि हम जाने क्योंकि वह हमसे प्रेम करता है, और उसके पास हमारे लिए इस संसार से कुछ बेहतर है. मेरे पास आपके लिए दोनों अच्छी और बुरी खबर है. यह संसार अब और अधिक बुरा होने जा रहा है. लेकिन अच्छी खबर यह है कि … जोकि हम पढ़ रहे हैं, और जो हमारे लिए हजारों वर्षो पूर्व कहा गया है. मैं आपके साथ फिर से यह वचन शेयर करना चाहता हूँ.
“उन राजाओं के दिनों में स्वर्ग का परमेश्वर एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनन्तकाल तक न टूटेगा, और न वह किसी जाति के हाथ में किया जाएगा…(दानिएल २:४४)
हमने लगभग इस अध्ययन को समाप्त कर लिया है लेकिन मेरे पास एक और छोटी सी बात है. वह यह कि ये सब बाते आपको चिंता या भय में डाल सकती हैं. परमेश्वर इस संसार के सभी राष्ट्रों को नष्ट करने जा रहा है? लेकिन कृपया चिंता न करें. कुछ धार्मिक शिक्षक आपको यह विश्वास दिलाएँगे कि यह अभी पांच मिनटों में होने जा रहा है.
लेकिन आप विश्वास करें कि ऐसा कुछ भी नहीं है. हम अपने अध्ययन में इस मिथ्या शिक्षा को मिटाते जाएँगे जोकि आपके और आपके मित्रो के लिए आश्चर्य करने का कारण होगा. प्रभु यीशु ने कहा कि पृथ्वी पर उसके राज्य के आने के पूर्व कुछ विशेष बातें घटित होंगी, बहुत स्पष्ट चिन्ह, और चेतावनी और हम इन बिन्दुओ का अध्ययन करने जा रहे हैं.
लेकिन सबसे अच्छा तरीका कि आप भयभीत न हों वह यह है यदि आप न जानते हों तो कि आप पृथ्वी पर आने वाले परमेश्वर के राज्य का भाग होने के लिए आमंत्रित हैं. और वह आपके हृदय में अभी इसी समय अपना राज्य स्थापित करने के लिए इच्छुक है. और उसने एक समय कहा है “मैं तुमको नया मन दूंगा, और तुम्हारे भीतर नई आत्मा उत्पन्न करूंगा, और तुम्हे देह में से पत्थर का हृदय निकलकर तुमको मांस का हृदय दूंगा.” (यहेजकेल ३६:२६)
यह हल और उत्तर है. आप उस राज्य को जो आने वाला है अपने हृदय में अभी इसी समय प्राप्त कर सकते हैं और यह वह सदा के लिय स्थिर रहेगा. आइये आप मेरे साथ एक छोटी सी प्रार्थना करें.
“प्रिय यीशु, मैं तेरे राज्य का जो अभी है और जो आने वाला है का एक भाग होना चाहता हूँ. कृपया मेरे हृदय में आइये. मेरे पापों और पत्थर के हृदय को ले लीजिये और जैसा कि आपने वादा किया है मुझे एक नया हृदय और आत्मा दीजिये ताकि मैं आपको और आपके लोगों को प्रेम करते हुए अनन्तकाल तक रह सकूँ.”
यदि अपने यह प्रार्थना कर ली है तो उसने यह कर लिया है. उसने वादा क्या है और वह निश्चित पूरा करेगा.
अपने अगले अध्ययन में हम दानिएल के साथ आगे जाएँगे लेकिन जवान दानिएल के साथ नहीं. जैसा कि अभी हमने अध्ययन किया नबुकद्नेसर के साथ अदभुत मुलाकात के बाद वह अपने वयस्क जीवन में बेबीलोन के सम्राज्य में एक ऊँचे पद पर रहा. और जैसे जैसे उसकी वृद्धा अवस्था आने लगी उसे स्वत: ही स्वप्नों और आत्मिक अनुभवों के द्वारा ज्ञान प्राप्त होने लगा जोकि सम्पूर्ण बाइबिल में आश्चर्यचकित कर देने वाले थे. आगे हम दानिएल कि पुस्तक के ७ वे अध्याय का अध्ययन करेंगे. यदि अपने दानिएल के २ रे अध्याय के अध्ययन में रूचि पाई है तो मैं आशा करता हूँ कि अगला अध्ययन आपको और अधिक रुचिकर लगेगा.
परमेश्वर आपको आशीष दे!
Joy paul says
Awesome teaching, really with this golden secretes God talks with us, M fully satisfied….
Joy paul says
I want more teaching…..plzzzz
Shashikant says
यह Side पढकर मुझे भहूत अच्छा लगा,
कृपया हिंदी मे Profhcy Study Pdf भेज दो.
Ajay says
में आगे भी ज़रूर पड़ना चाहता हु
ये पड़कर मुझे बोहोत अच्छा लगा
प्रभु आपको आशीष करे
जय प्रभु येशु मसीह की
Mark McMillion says
धन्यवाद