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Prophecies of Daniel

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डेनियल
की भविष्यवानियाँ
मार्क मैकमिलियन के संग

डेनियल के सपने और दिव्य झलकियाँ

सपनों और दिव्य झल्कियों में भविष्यवक्ता डेनियल ने संसार के भविष्य के अद्भुत दृश्य देखे. मैंने डेनियल की भविश्यवानियों के ये वीडियोस में वो सब जो उसने देखा उसे दर्शाने की और उसे इस तरह समझाने की कोशिश की है जिस तरह की बाइबिल भविष्यवाणी के पाठक कई सदियों से सही स्वीकार करते आये हैं.

परमेश्वर से प्रेम रखना

मई 3, 2019 · by Mark McMillion · In: Uncategorized

तो इस सुबह मैं एक सुन्दर, सुनहरे, साफ़ दिन को उठा, और दिन शुरू करने के लिए, जैसा की मैं अक्सर करता हूँ, मैंने कुछ भक्ति संगीत लगाया. शुरू शुरू में एक गाना केवल परमेश्वर से प्रेम रखने के बारे में था, कैसे यह करने के लिए समय लगता है, उससे हर रोज़ प्रेम रखने के लिए.

और मैंने इस बारे में सोचा, कितना आसान है यह, कैसे यह लगभग घिसा-पिटा सुनाई देता है, हम में से ज्यादातर के कानों को बेस्वाद. और फिर भी परमेश्वर ने मूसा से कहा, और येशु ने इसे दोहराया, की यह वास्तव में ईश्वरीय आज्ञाओं में सबसे पहली है. किसी ने येशु से पुछा की पहली ईश्वरीय आज्ञा क्या थी और उसने कहा, “और तू प्रभु अपने परमेश्वर से अपने सारे मन से और अपने सारे प्राण से, और अपनी सारी बुद्धि से, और अपनी सारी शक्ति से प्रेम रखना. और दूसरी यह है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना: इस से बड़ी और कोई आज्ञा नहीं.” (मरकुस १२:२९-३१)

“हाँ, हाँ मार्क; हाँ, हाँ! ये हम सब जानते हैं! हमने यह सन्डे स्कूल में या अपनी नानी से सुना है. लेकिन…”

क्या यही आसान प्रतिक्रिया नहीं है? मैं अभी यही सोच रहा था की कितना आसान है दुनिया की जरूरतों, चिंताओं और भयावहता पर ध्यान केन्द्रित हो जाना और सोचना की उस दूसरी ईश्वरीय आज्ञा का पालन करना कितना मौलिक है, अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना. यह इतना अत्यावश्यक, इतना गायब और इतना बेतहाशा जरूरी है. लेकिन फिर भी, यह दूसरी ईश्वरीय आज्ञा है, पहली नहीं.

 “प्रेम कभी टलता नहीं.” (१ कुरिन्थियों १३:८) “प्रेम पड़ोसी की कुछ बुराई नहीं करता.”  (रोमियो  १३:१०) “इन में सब से बड़ा प्रेम है.“ (१ कुरिन्थियों १३:१३) ये सब कुछ अक्सर सुनने को मिलते हैं कुछ घेरों में, वे घेरे जिनमें मैं और कई अन्य घूमते हैं. और ये सब सच है; हमारे समय में हमारे साथी इंसान के लिए साधारण प्रेम इतना अधिक गायब है और बेतहाशा जरूरी है. येशु ने अपनी वापसी के ठीक पहले के समय के बारे में कहा भी था,”और अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा हो जाएगा.” (मत्ती  २४:१२) पक्का अभी के जैसा लगता है, है ना कि?

लेकिन इस सुबह जो ख्याल मुझे आया वो यह है कि कैसे यह सब बहुत आसान है हम में से किसी के लिए भी अपने पड़ोसी से प्रेम रखने को खुद परमेश्वर से प्रेम रखने से ऊपर रखना. और शायद मुझे उस कहानी का उदहारण देना चाहिए जो मैंने कुछ समय पहले बतलाई थी “तीन उँगलियों” के बारे में जब मैं जो यहाँ लिख रहा हूँ उस पर आते हैं तो. मैं इस बारे में खुद को अपराधी महसूस करता हूँ और देखता हूँ कि कभी कभी मैं हमारी पीढ़ी में मानवता की ज़रूरतों से इतना हिल गया हूँ कि मैं परमेश्वर से प्रेम रखने से ज्यादा, दुनिया को उसके लिए जितने की ज़रूरत में फँस गया हूँ.

जैसा की येशु ने कहा था,“चाहिये था कि इन्हें भी करते रहते, और उन्हें भी न छोड़ते.” (मत्ती २३:२३ब) हमें परमेश्वर और अपने पड़ोसी दोनों से प्रेम रखना चाहिए. कई वर्ष पहले मेरा विश्व गिरजाघर परिषद् के साथ संक्षिप्त संपर्क हुआ था और मैंने कुछ मुल्य्वर्गों का विवरण करने वाली शब्दावली सीखी, “खड़े” और “आड़े”. “खड़े” उन भक्तगणों का विवरण करती है जिनका मुख्या ध्यान दिव्य बातों में है, परमेश्वर और येशु में और परमेश्वर के साथ हमारे रिश्ते और उसकी भक्ति में. “आड़े” दूसरी आज्ञा पर ज्यादा ध्यान देते हैं, उससे मिले ज़िम्मे पर, कि हम अपने पड़ोसी से अपना सा प्रेम रखें. ये वे लोग हैं जो अक्सर मानवीय सहायता राहत में और अपने भाई लोगों के लिए अपनी जान न्योछावर करने में मोर्चे पर आगे रहते हैं या जोश के साथ हमारे समय के सामाजिक मामलों में व्यस्त रहते हैं.

लेकिन अवश्य ही, इन दोनों को अलग अलग नहीं बल्कि मिलकर काम करना चाहिए. और मैं समझता हूँ की सिर्फ परमेश्वर ही खुद हमें सही मिश्रण प्राप्त करा सकते हैं. इसी लिए पवित्र आत्मा की जीवित मौजूदगी का होना, इतना सहायक, इतना आवश्यक है, हमारे अंदर जाग्त्क और रोज़ाना काम करती हुई. हम अपनी कमज़ोर बुद्धि से सही करने की कोशिश कर सकते हैं. लेकिन हर काम इतना ज्यादा बढ़िया होता है अगर हमारे अंदर उसकी पवित्र आत्मा हमें “सब सत्य का मार्ग बताता है ” (यूहन्ना १६:१३), यहाँ तक कि व्यक्तिगत रूप से और रोज़ाना हमें बताने में कि कब हमें ज़रूरत है “अलग किसी स्थान में आकर थोड़ा विश्राम” (मरकुस ६:३१) और सिर्फ परमेश्वर से प्रेम रखने पर सच्चा ध्यान देने की.

असल सच तो यह है कि “तुम मालिक का काम मालिक की शक्ति के बिना नहीं कर सकते और उसे हासिल करने के लिए मालिक के साथ तुम्हारा समय बिताना जरूरी है. यह तेल वाले दिये की तरह है. दुनिया के खोये हुए और जरूरतमंदों के लिए हमारा सारा प्यार और काम परमेश्वर की पवित्र आत्मा की ओर से आना चाहिए, न की हमारे खुद से. नहीं तो ये एक तेल बिना जलती हुयी बाती की तरह होगा. यह काफ़ी जल्दी ख़त्म हो जाता है और काफ़ी धुयाँ होता है. लेकिन अगर हम पवित्र आत्मा के तेल में सोखे रहें, उससे सच्चे प्रेम द्वारा, फिर हमारे दियों में दुनिया की रौशनी होने के लिए जैसा कि वो चाहता है हम हों, पर्याप्त तेल रहेगा.

कुछ लोग सोचते हैं कि परमेश्वर एक बड़े डंडे के साथ हमारा पीछा करता हुआ, किसी तरह का एक निर्दयी राक्षस है. परन्तु वास्तव में वह प्रेम है और प्रेम में वह हमें स्वर्ग में प्रवेश कराने की  कोशिश में लगा है. इसका एक सुन्दर चित्रण वह कहानी है जो येशु ने “उड़ाऊ बेटे” की बताई जो दूर किसी देश अपनी मन मर्ज़ी करने के लिए अपने पिता को छोड़  चला गया. येशु ने बताया, की कुछ समय बाद, बेटा “अपने आपे में आया” (लूका  १५:१७) और उसने शर्म के साथ अपने पिता के घर लौटने का फैसला किया. और पिता, जो परमेश्वर को दर्शाते हैं, उन्होंने क्या किया? येशु ने कहा, “वह अभी दूर ही था, कि उसके पिता ने उसे देखकर तरस खाया, और दौड़कर उसे गले लगाया, और बहुत चूमा.“ (लूका  १५:२०). हम सभी के लिए जो गुमराह हैं परमेश्वर के प्रेम की कितनी कोमल तस्वीर है ये.

मूसा के बाद परमेश्वर के लोगों का नेता, यहोशू ने उनसे कहा, “इसलिये अपने परमेश्वर यहोवा से प्रेम रखने की पूरी चौकसी करना.” (यहोशू २३:११). दूसरों से प्रेम रखना बड़ी चीज़ है, परमेश्वर की आज्ञा है और उसकी पवित्र आत्मा हमारे दिलों में एक अविश्वसनीय प्रेम डाल देगी जो वह चाहता है कि हमारे में हो. लेकिन हमारे पड़ोसियों के लिए हमारे प्रेम को उस के लिए हमारे प्रेम से प्राथमिकता देना, यह परमेश्वर के सेवकों के लिए लुभाव हो सकती है.

परमेश्वर हम सब की मदद करें. क्योंकि अगर हम सुई को दूसरी तरफ़ घुमने दें कि हम उसके बन्दों की बेपरवाही कर अपना सारा समय उसकी पूजा में व्यतीत करें, तो फिर वह केवल एक और गलती है दूसरी ओर जाने की. मैं कुछ लोगों को जानता हूँ जिन्होंने ऐसा किया है, जो एक समय सचमुच कार्यरत थे दुनिया को येशु के लिए जीतने में. पर अब वे अपना अधिकतर समय अकेले घर पे बिताते हैं निजी पूजा और भक्ति में.

कभी कभी परमेश्वर से प्रेम रखना सिर्फ उसके वचन से प्रेम रखना और उसे हमसे सचमुच कुछ बोलने के लिए समय लेना हो सकता है. यिर्मयाह ने कहा, “जब तेरे वचन मेरे पास पहुंचे, तब मैं ने उन्हें मानो खा लिया, और तेरे वचन मेरे मन के हर्ष और आनन्द का कारण हुए.” (यिर्मयाह १५:१६). शुक्र है की हम सुरक्षित हो सकते हैं कि “परमेश्वर प्रेम है” (१ यूहन्ना ४:८) और कि “हम इसलिये प्रेम करते हैं, कि पहिले उस ने हम से प्रेम किया” (१ यूहन्ना ४:१९). “परन्तु यदि कोई परमेश्वर से प्रेम रखता है, तो उसे परमेश्वर पहिचानता है” (१ कुरिन्थियों ८:३)

लेकिन हमारी सारी ईसाई सेवा में, दुनिया की इस समय की अत्यंत दूर्दशा की हमारी चिंता में, पृथ्वी और परमेशवर की सृष्टि की चिंता में, जो भी पीड़ा में लगती है, यह याद रखना अच्छा है (इस समय अपने खुद की तरफ़ तीन उँगलियाँ करते हुए) कि येशु ने हमें बताया था, “क्योंकि मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते” (यूहन्ना १५:५) हमारे परमेश्वर से प्रेम रखे बिना और उसके साथ समय बिताए बिना, हमारी प्राथमिकताएं गड़बड़ा जायेंगी. और यह वैसा नहीं होगा जैसा होना चाहिए, उसके या हमारे या इस दुनिया के ज़रूरतमंदों के लिए, या हमारी प्रिय पृथ्वी खुद के लिए.

घेरे खींचना

मार्च 1, 2019 · by Mark McMillion · In: Uncategorized

मैं तुम्हारे बारे में नहीं जानता पर मेरे जीवन में जब मुझे सबसे ज्यादा चोट पहुँची है उनमें से कुछ समय वो रहे हैं जब मैंने अपने आप को अस्वीकार और दूसरों की संगत में अनचाहा महसूस किया है. इसके विपरीत, कुछ सबसे ज्यादा प्रोत्साहिक और हृदय को छू लेने वाले पल वे रहे हैं जब दूसरों ने मुझे अपने साथीपन के घेरे में शामिल और आमंत्रित करने के लिए अपनी बाहें और जीवन खोल कर रख दिए.

ये कुछ उसकी तरह है जो मैंने एक समय सुना था जो कुछ इस तरह था,”उसने एक घेरा बनाया जिसके मुझे बाहर छोड़ दिया गया. पर प्रेम में और मुझमें जीतने की शक्ति थी. मैंने एक घेरा बनाया जो उसे अन्दर ले आया.” शायद तुम कह सकते हो कि मैं नासमझ हूँ या मेरे जीवन के शुरू में कुछ ऐसा घटित हुआ जिसने मुझे ऐसा बना दिया है. पर वह समय जब तुम अस्वीकार, अनचाहा, न शामिल किया गया, जिनके साथ तुम होना चाहते हो उनसे बहिष्कृत महसूस करते हो, वह एक अत्यंत निराशामय समय हो सकता है.

परमेश्वर का शुक्र है की मैंने उसे और येशु को कई वर्ष पहले पा लिया और अवश्य ही वे हमारे साथ ऐसा नहीं करते. उसने कहा, “ मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूँगा न त्यागूंगा.” (इब्रानियों १३:५) दूसरे हाथ पर, जैसा की बाइबल कुछ लोगों के बारे में कहती है, ” तुम्हारे अधर्म के कामों ने तुम्हें तुम्हारे परमेश्वर से अलग कर दिया है.” ( यशायाह ५९:२) पर वह एक अलग कहानी है. क्योंकि ”पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र येशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है.” (१ युहन्ना १:७) तो भी, अकेलापन, न शामिल महसूस करना और वास्तव में बाहर छोड़ दिया जाना फिर भी किसी किसी समय पर कई लोगों के लिए सचमुच की हक़ीकत हैं, विश्वासी लोगों के लिए भी.

तो मेरे लिए, परमेश्वर के किसी के अंदर होने की सबसे बड़ी निशानियों में से है वह सची प्रेमभावना, असल शामिल करने वाला प्रेम, और निष्ठावन इंसानी प्यार जो वह अपने लोगों के दिलों में डाल सकता है.दुःख की बात यह है कि यह हमेशा नहीं होता पर फिर किसी किसी समय होता भी है. तुम उसे एकदम महसूस कर सकते हो. वे तुम्हें केवल इसाई होने के नाते नहीं प्यार करते; वे असल में तुम्हें चाहते हैं और तुम्हारे संग घूमना चाहते हैं और वे जो करते हैं उसमें तुम्हें शामिल करना चाहते हैं. दुनिया की सारी धार्मिकता सची इसाई प्रेमभावना और अपनेपन की जगह नहीं ले सकती. और कई बार किसी भी चीज़ से ज्यादा,प्यार की वह दिखाई देने वाली निशानी ही लोगों को चाहिए होती है और जिसका उनपे असर होता हैं.

मुझे परमेश्वर का वचन प्यारा है, मैं बाइबल भविष्यवाणी में काफ़ी रुची रखता हूँ, मैं इस दुनिया में परमेश्वर की सेवा करने में विश्वास करता हूँ. लेकिन वे बातें जो मेरे लिए सबसे कीमती रही हैं, उनमें से कुछ वे साथी भाई बेहेन रहे हैं जिन्होनें घेरा खींचकर मुझे अपनों में गिना. तुम सोचोगे कि ऐसा ही होता होगा हर समय पर अवश्य ऐसा नहीं होता है, किसी एक कारण के द्वारा.

लोग व्यस्त हैं. लोग अपने बोझ ढो रहे हैं. मुझे ये कहना पसंद नहीं है पर किसी तरह ऐसा भी होता है की हममें से कुछ हममें से दूसरों को पसंद नहीं कर पाते. शायद ये व्यक्तित्व का मुद्दा है, शायद हम दूसरों में कुछ अजीब बात देखते हैं,शायद हमनें गपशप द्वारा किसी के बारे में कुछ सुना है जिसके कारण हम उन्हें न पसंद करने लगे हैं. परमेश्वर हमें माफ़ करें.

सबको प्यार ही की ज़रूरत है. कुछ लोग बड़े परिवार से घिरे हुए होते हैं और उनके कई प्रियजन और रिश्तेदार निकट में होते हैं. दूसरे किसी एक कारणवश लगभग अकेले ही होते हैं. लेकिन सबको प्यार की ज़रूरत है और अवश्य ही सबको प्यार देने की ज़रूरत है. और तुम इसे एकदम महसूस कर सकते हो, एक तरह या दूसरी. इसाई होना और परमेश्वर के परिवार का हिस्सा होना इसे और भी ज्यादा मुमकिन और होने लायक बना देना चाहिए कि तुम्हे प्यार मिले और तुम इस प्रेमभावना, शामिल होने और सौहार्द को महसूस कर सको जिसकी करीबन सभी को ज़रूरत है.

मैं जानता हूँ यह वैसी चीज़ नहीं है जिसके बारे में मैं आम तौर पर लिखता हूँ लेकिन यह फिर भी येशु की शिक्षायों का आधार है. “यही मेरी आज्ञा है की तुम एक दूसरे से प्रेम करो.” (युहन्ना १५:१२) “इसी से सब मनुष्य जानेंगे की तुम मेरे शिष्य हो यदि तुम एक दूसरे के प्रति प्रेम रखोगे.” (युहन्ना १३:३५) लेकिन येशु ने अपने वापिस आने से ठीक पहले के आखरी दिनों के बारे में कहा, “ और क्योंकि अधर्म बड़ता जायेगा, कईयों का प्रेम ठंडा हो जाएगा.” (मत्ती २४:१२) शायद उस समय की और निशाना किया जा रहा है जिसमें हम अब रह रहे हैं. यात्रा और जानकारी निश्चित रूप से बढ़ गए हैं, जैसा की देवदूत ने दानिएल को बताया था कि ये अंत के समय की एक निशानी होंगे. (देखिये दानिएल १२:४). लेकिन अन्तकाल की कठोरता, अकेलापन, वर्जनता और सख्त हृदयता भी कई सारी जगहों में बहुत फैले हुए हैं.

तो फिर उनके लिए जो इस अंत के समय में न्यू वर्ल्ड आर्डर और शैतान और अंधियारे के सारे कर्मों का पर्दाफाश करने की कोशिश में जागृत हैं, यह याद रखना भी अच्चा होगा कि एक प्रेमरहित, मित्रहीन दरिद्रता भी अंत के समय की एक साफ़ दिखाई देने वाली निशानी है. हमें इसका पर्दाफाश और विरोध करने के लिए वो सब करना चाहिए जो हम कर सकते हैं, एकदम उतना ही यदि उससे ज्यादा नहीं जो हम झूठे तंत्रों और सरकारी साज़िशों का पर्दाफाश करने में करते हैं जो हमारा इतना सारा ध्यान लेती हैं.

शायद इसके बारे में बात करने से मदद मिलती है. शायद ये याद रखना मदद करता है, कि परमेश्वर के प्रति हमारी सेवाभावना  और दूसरों को उसके प्रति जीतने की हमारी सारी वचनबद्धता में, हमारी सबसे बड़ी गवाही का हिस्सा, और सबसे महान आज्ञा, और हमारी सबसे बढ़ी ज़रूरत अक्सर प्यार करना और प्यार किया जाना है, ये महसूस करना की एक घेरा बनाया गया है जिसमें हमें शामिल किया गया है. या कि तुम घेरे बना रहे हो जो उनको शामिल करते हैं जो बाहर हैं और अन्दर झाँक रहे हैं, वे जिनके जीवन में और कोई नहीं है और जो मित्रों और साथीपन के न होने के कारण शायद आज ख़त्म हो जाएँ. आईये हम सब अपने दिलों और जीवन को अपने आसपास वाले जो आज मित्रों और साथीपन के न होने के कारण शायद ख़त्म होने जा रहे हों उनकी ओर न खोलने के प्रति चौकन्ने रहें. “बुराई से न हारो, परन्तु भलाई से बुराई को जीत लो.” (रोमियो १२:२१)

 

 

दानिएल अध्याय 2 (Hindi)

जनवरी 2, 2016 · by Mark McMillion · In: Uncategorized

D2 opening shot for blog post article

[The text to the Daniel 2 video in Hindi]

अपने पिछले अध्ययन में हमने वह देखा जो आप में से कुछ लोगों के लिए नया था: भविष्यवाणी और वास्तविक संसार में उसका पूरा होना. अपने पिछले अध्ययन में हमने पुराने नियम की कुछ प्रमुख भविष्यवाणीयों देखा और साथ ही इजराइल के इतिहास में राष्ट्र और लोगों के लिए कैसे ये भविष्यवाणी पूरी हुईं इस पर एक उड़ती नजर डाली.

picture of me for D2 blog post  और संक्षिप्त में हमने यह भी देखा कि बाइबल की कुछ भविष्यवाणी अभी भी पूरी होना बाकी हैं जिसका प्रभाव मेरे आपके और इस संसार पर पड़ सकता है. वास्तव में अपने पिछले अध्ययन के अनुसार फिर से यह बताना चाहता हूँ कि जब चेलों ने यीशु से संसार के भविष्य के बारे में पूछा, तब उसने विशेष रूप से दानिएल भविष्यवक्ता के बारे में कहा “इसलिए जब तुम …(भविष्य की घटनाएँ) …जिसकी चर्चा दानिएल भविष्यवक्ता के द्वारा हुई थी,(जो पढ़े वह समझे) मत्ती २४:१५

“जो दानिएल की भविष्यवाणी को पढता है वह समझे” इसका अर्थ यह है कि जो कुछ दानिएल ने कहा है वह महत्वपूर्ण है. अत: अब हंम दानिएल के दुसरे अध्याय का अध्ययन करने जा रहे हैं जिसे लगभग सभी मतों के विद्वानों में सम्पूर्ण बाइबल में संसार के इतिहास और भविष्य का संक्षिप्त चित्रण स्वीकार किया है. आइये हम देखे कि दानिएल कौन था, उसका जीवन कैसा था, और भी कुछ.

यह लगभग 604BC का समय है जबकि दानिएल शायद उस समय अपनी किशोर अवस्था में था. उसका देश यहूदा (जो उस समय कहलाता था) 800 Judah map for D2 blog postवर्षो के अपने स्वतंत्र राज्य के अस्तित्व के अन्तिम कुछ वर्षों और महीनो में था.

यह एक बढ़ते हुए जवान के लिए एक अस्थायी कष्टदायक अशुभ समय था. उस समय के संसार की सबसे बड़ी खबर यह थी कि कुछ वर्षो पूर्व ही उस समय सबसे शक्तिशाली Assyria का पतन, और बेबीलोन के राज्य का उद्गम जो अपने पहले का सब कुछ जीतते और अपने अधीन कर रहा था.

main Babylon map for D2 blog post604BC में, बेबीलोन के राजा नबुकद्नेसर ने यहूदा और यरूशलेम जो पुराने राज्य की राजधानी इजराइल के रूप में जाना जाता था के विरुद्ध एक सेना की टुकड़ी भेजा. इसी धरपकड़ के दौरान हमारा जवान किशोर दानिएल बन्धुए और गुलाम के रूप में सैकडों मील दूर बेबीलोन की ओर ले जाया गया.

Exilefinal 4 blog postइसके बाद वे बेबीलोन ले जाये गये. दानिएल और उसके तीन दोस्त जो इजराइल के राज घराने से सम्बन्ध रखते थे उन्हें एक प्रशिक्षण देने वाले स्कूल में रखा गया. तत्काल उन्होंने अपने आप को अपने सच्चे विश्वास और दृढ मत में अपने नये शासकों के साथ सहयोग करते हुए भी अलग कर लिया.

Babylon of the Prophet Daniel's timeबेबीलोन अपने समय में वैसा ही आदर और प्रेरणादायक शहर था जैसे कि रोम और एथेंस. या फिर आज के आधुनिक शहरो के जैसा. बेबीलोन सोने का शहर कहलाता था, — शिक्षित, आधुनिकतावादी, शक्तिशाली – उस समयों के लिए विश्व का केंद्र और लगभग अजेय था.

हम कहानी को उस समय से आरम्भ करते हैं जबकि दानिएल और उसके मित्र बेबीलोन में तीन वर्षों से रह रहे थे. हम क्या देखते हैं कि नबुकद्नेसर राजा एक स्वप्न देखता है. और वह स्वप्न उसे याद नहीं है. यह तो किसी के साथ भी हो सकता है परन्तु यह कुछ विशेष था. क्योंकि उस समय वह वास्तव में संसार या कम से कम सभ्य समाज में सबसे अधिक पहचान रखने वाला  शासक था. और तत्काल अपना रास्ता खुद चुन लेता था.

Neb first shot for D2 blog postअत: उसने वही किया जो एक संसार का शासक करता. उसने संसार के सभी  ज्योतिषी, जादूगरों और तंत्र मन्त्र करने वालों सबको बुलाया. और उसने कहा:

“मैंने एक स्वप्न देखा है, और मेरा मन व्याकुल है कि स्वप्न को कैसे समझूँ?” (दानिएल २:३)

ऐसा प्रतीत होता है कि लोग पिछले २६०० वर्षों में भी नहीं बदले क्योंकि उसके सलाहकारों ने उत्तर दिया:

“…हे राजा तू चिरंजीवी रहे! अपने दासों को स्वप्न बता, और हम उसका फल बताएँगे.” (दानिएल २:४)

नबुकद्नेसर ने उन्हें देखा और कहा:

“… मैं यह आज्ञा दे चूका हूँ कि यदि तुम फल समेत स्वप्न को न बताओगे तो तुम टुकड़े–टुकड़े किये जाओगे, और तुम्हारे घर फुंकवा दिए जाएँगे. पर यदि तुम फल समेत स्वप्न को बता दो तो मुझसे भांति–भांति के दान और भारी प्रतिष्ठा पाओगे”. (दानिएल २:५-६)

सलाहकार फिर आग्रह करने लगे और राजा के द्वारा पुन: धमकाए जाने के बाद उन्होंने कहा;

Advisors answer 2nd time for D2 blog post“पृथ्वी भर में ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो राजा के मन कि बात बता सके; और न कोई ऐसा राजा, या  प्रधान, या हाकिम कभी हुआ है जिसने किसी ज्योतिषी,या तंत्री, या कसदी से ऐसी बात पूछी हो. जो बात देवताओं को छोड़कर जिनका निवास मनुष्यों के संग नहीं है, और कोई दूसरा नहीं,जो राजा को यह बता सके”.(दानिएल २:१०-११)

वास्तव में यह सच है कि कोई भी आपने जो स्वप्न देखा है वह कैसे बता सकता है. लेकिन यह नबुकद्नेसर के लिए बहुत ही असंतोषजनक था और उसने तत्काल यह आज्ञा दी कि सब ज्योतिषी, तंत्री, और कसदियों को मार डाला जाए. और यह दानिएल और उसके दोस्तों के स्कूल की स्थिति थी.

अब यदि आपने इसके बारे में पहले कभी नहीं सुना है तो आप यह सोचेंगे कि इस प्राचीन इतिहास में ऐसा क्या है जो भविष्यवाणी और भविष्य से सम्बंधित हो? लेकिन धीरज रखे हम विषय पर आ रहे हैं.

Daniel and guardतब आगे आप जानते हैं कि राजा के प्रधानो में से एक जो दानिएल और उसके दोस्तों की देखभाल के लिए नियुक्त था उसने उन्हें दंड के लिए तैयार रहने को कहा. दानिएल ने पूछा कि यह क्यों हो रहा है और उसने जब राजा के स्वप्न के बारे में जाना तो उसने अपने परमेश्वर से प्रार्थना करने का समय माँगा, ताकि परमेश्वर उसे स्वप्न और फल दोनों को बता दे.

तब उसे यह अनुमति मिल गई और दानिएल अपने दोस्तों के साथ प्रार्थना करने लगा. वह उस स्वप्न का अर्थ कैसे बता सकता था जबकि उसे स्वप्न ही नहीं मालूम था.

तब यहाँ देखिये कि वचन क्या कहता है:

“तब वह भेद दानिएल को रात के समय दर्शन के द्वारा प्रगट किया गया…..” (दानिएल २:१९)

Daniel praying 4 blog post articleइसका अर्थ यह है कि परमेश्वर ने वास्तव में दानिएल को नबुकद्नेसर का स्वप्न क्या है और उसके फल को बताया. यह परमेश्वर की अलौकिक शक्ति के बिना असम्भव था! इसलिए उसने धन्यवाद की वास्तविक प्रार्थना किया:

दानिएल ने उत्तर दिया और कहा:

“परमेश्वर का नाम युगानुयुग धन्य है, क्योंकि बुद्धि और पराक्रम उसी के हैं. समयों और ऋतुओं को वही बदलता है, राजाओं का अस्त और उदय भी वही करता है; बुद्धिमानो की बुद्धि और समझवालों को समझ भी वही देता है; वही गूढ़ और गुप्त बातों को प्रगट करता है; वह जानता है कि अन्धियारे में क्या है, और उसके संग सदा प्रकाश बना रहता है; हे मेरे पूर्वजों के परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद और स्तुति करता हूँ, क्योंकि तूने मुझे बुद्धि और शक्ति दी है, और जिस भेद का खुलना हम लोगों ने तुझसे माँगा था, उसे तूने मुझ पर प्रगट किया है, तूने हमको राजा की बात बताई है.” (दानिएल २:२०-२३)

तब दानिएल राजा के प्रधान के पास गया और उससे कही कि मुझे नबुकद्नेसर के पास ले चलो ताकि मैं उसके स्वप्न और भेद को बता सकूँ.

यह वास्तविक घटना है न ही कोई मूवी या ड्रामा. जैसा कि बाइबल में दर्शाया गया है ऐसा प्रतीत होता है कि दानिएल उस समय लगभग १४ वर्ष का होगा. उसे और उसके दोस्तों को कई बार बच्चा कहा गया. वह यहाँ एक निर्वासित जवान था, जो अपने परिवार से दूर, अपने धार्मिक आधार से दूर, संसार के सबसे क्रूर, निर्दयी, क्रोधी, Daniel comes b4 Neb 4 blog postशासक के सामने जाने को तैयार था ताकि राजा ने जो स्वप्न देखा और उसका फल बताने जा रहा था. जैसे सारी सम्भावनाएं विपरीत ही क्यों न हो लेकिन उसे परमेश्वर पर विश्वास था.

दानिएल को राजा के सम्मुख लाया गया और ऐसा प्रतीत होता है कि सिंहासन के समक्ष सारे लोग उपस्थित थे. और राजा ने उससे पूछा:

“क्या तुझमे इतनी शक्ति है कि जो स्वप्न मैंने देखा ही, उसे फल समेत मुझे बताये?” (दानिएल २:२६)

दानिएल ने उत्तर दिया:Dan & Neb main scene 4 blog post

“जो भेद राजा पूछता है, वह न तो पंडित, न तंत्री, न ज्योतिषी, न दूसरे भाषी बताने वाले राजा को बता सकते हैं, परन्तु भेदों का प्रगटकर्ता परमेश्वर स्वर्ग में है, और उसी ने नबुकद्नेसर राजा को बताया है कि अंत के दिनों में क्या क्या होने वाला है. तेरा स्वप्न और जो कुछ तूने पलंग पर पड़े हुए देखा वह यह है.” (दानिएल २:२७-२८)

दानिएल के पास निर्भीकता और आत्मविश्वास था! और उसने तुरंत सारा श्रेय परमेश्वर को दिया अपने आप को नहीं वह यहाँ कहता है कि स्वर्ग का परमेश्वर राजा को यह बता रहा है कि अंत के दिनों में क्या होगा. अत: यह परमेश्वर की ओर से राजा को भविष्य के बारे में भविष्यवाणी का सन्देश था.

“…तेरा स्वप्न और जो कुछ तूने पलंग पर पड़े हुए देखा है: हे राजा जब तुझको पलंग पर यह विचार आया कि भविष्य में क्या-क्या होने वाला है,( यहाँ पर फिर से भविष्य का सन्देश है) तब भेदों को खोलने वाले ने मुझे बताया कि क्या क्या होने वाला है.” (दानिएल २:२८-२९)

यदि अपने पहले यह कभी नहीं सुना है तो आरम्भ में यह आपको आश्चर्यजनक और भेदों से भरा हुआ प्रतीत होगा. दानिएल राजा को पहले उसने स्वप्न में क्या देखा और उसके बाद स्वप्न का फल बताने जा रहा है.

“ हे राजा जब तू देख रहा था, तब एक बड़ी मूर्ति देख पड़ी, और और वह मूर्ति जो तेरे सामने खड़ी थी वह लम्बी चौड़ी थी; उसकी चमक अनुपम थी, और उसका रूप भयंकर था”. (दानिएल २:३१)

“ उस मूर्ति का सिर तो चोखे सोने का था, उसकी छाती और भुजाएँ चाँदी की, उसका पेट और जाँघें पीतल की. उसकी टाँगें लोहे की और उसके पाँव कुछ तो लोहे के और कुछ मिट्टी के थे. (दानिएल २:३२-३३)

“ फिर देखते देखते तूने क्या देखा कि एक पत्थर ने, बिना किसी के खोदे, आप ही आप उखडकर उस मूर्ति के पावों पर लगकर जो लोहे और मिट्टी के थे उनको चूर चूर कर डाला”. (दानिएल २:३४)

“ तब लोहा, मिट्टी, पीतल, चाँदी और सोना भी सब चूर चूर हो गए, और धुपकाल में खलियानों के भूसे के सामान हवा से ऐसे उड़ गए कि उनका कहीं पता न रहा;whole earth

और वह पत्थर जो मूर्ति पर लगा था, वह पहाड़ बनकर सारी पृथ्वी में फ़ैल गया”. (दानिएल २: ३५)

Daniel looks 4 blog postउस समय उस कमरे में एक अदभुत अहसास हो रहा होगा. क्या इस समय दानिएल ने एक क्षण ले लिए भी कभी यह सोचा कि यदि वह गलत हुआ तो क्या होगा? क्या नबुकद्नेसर के सभी ज्ञानी लोग यह पूर्णतया विश्वास कर रहे थे कि यह जवान विदेशी बच्चा कुछ ही मिनटों में उनके सम्मुख टुकड़े टुकड़े कर दिया जावेगा. जब दानिएल ने अनजान अदभुत स्वप्न के बारे में बताना आरम्भ किया तब नबुकद्नेसर क्या अनुभव कर रहा था और उसकी क्या प्रतिक्रिया थी? आइये हम देखें कि दानिएल जब नबुकद्नेसर को स्वप्न का अर्थ बताना आरम्भ करता है तब क्या कहता है.

“स्वप्न तो यों ही हुआ, और अब हम उसका फल राजा को समझा देते हैं. हे राजा तू तो महाराजधिराज है, क्योंकि स्वर्ग के परमेश्वर ने तुझको राज्य, सामर्थ्य, शक्ति और head of goldमहिमा दी है, और जहाँ कहीं मनुष्य पाए जाते हैं, वहां उसने उन सभों को और मैदान के जीवजंतु, और आकाश के पक्षी भी तो तेरे वश में कर दिए हैं; और तुझको उन सबका अधिकारी ठहराया है. यह सोने का सिर तू ही है”. (दानिएल २:३६-३८)

दानिएल ने नबुकद्नेसर से कहा सोने का सिर तू ही है. यह इस स्वप्न के भेद को जानने कि कुँजी है. “नबुकद्नेसर तू और तेरा साम्राज्य बेबीलोन सोने के सिर हैं”.

“तेरे बाद एक राज्य और उदय होगा जो तुझसे छोटा होगा; (दानिएल २:३९अ)arms of silver

belly of brassफिर एक और तीसरा पीतल का सा राज्य होगा जिसमे सारी पृथ्वी आ जाएगी”.(दानिएल २:३९ब)

यहाँ से भविष्य के लिए कथन आरम्भ होता है. वह उसे बता रहा है कि उसके बाद कौनसे राज्य आने वाले हैं. अभी हम यहाँ देखेंगे कि दानिएल ने क्या कहा और उसका स्पष्टीकरण आगे देखेंगे.

“ चौथा राज्य लोहे के तुल्य मजबूत होगा; लोहे से तो सब वस्तुएँ चूर चूर हो जाति और पिस जाती हैं; इसलिए जिस legs of ironभांति लोहे से वे सब कुचली जाती हैं, उसी भांति उस चौथे राज्य से सब कुछ चूर चूर होकर पिस जाएगा”. (दानिएल २:४०)

“तूने जो मूर्ति के पावों और उनकी उँगलियों को देखा, जो कुछ कुम्हार की मिट्टी की और कुछ लोहे की थीं, इससे वह चौथा राज्य बटा हुआ होगा; तौभी उसमे लोहे का सा कड़ापन रहेगा, जैसे कि तूने कुम्हार की मिट्टी के संग लोहा मिला हुआ देखा था. feet and toesजैसे पावों को उँगलियाँ कुछ तो लोहे कि और कुछ मिट्टी की थीं, इसका अर्थ यह है कि वह राज्य कुछ तो दृढ और कुछ निर्बल होगा”. (दानिएल २:४१-४२)

यदि अपने अभी तक कुछ नहीं समझा है तो थोडा धीरज रखिए हम अभी इस पर आ रहे हैं. लेकिन आगे के पद को ध्यान से देखिये क्योंकि यह शायद अध्याय का सबसे महत्वपूर्ण पद है.

whole earth“ उन राजाओं के दिनों में स्वर्ग का परमेश्वर एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनंतकाल तक न टूटेगा, औए न वह किसी दूसरी जाति के हाथ में किया जाएगा. वरन वह उन सब राज्यों को चूर चूर करेगा, और उनका अन्त कर डालेगा; और वह सदा स्थिर रहेगा;” (दानिएल २:४४)

जैसा तूने देखा कि एक पत्थर किसी के हाथ के बिन खोदे पहाड़ में से उखड़ा, और उसने लोहे, पीतल, मिट्टी, चाँदी, और सोने को चूर चूर किया, इसी रीति महान परमेश्वर ने राजा को बताया है कि इसके बाद क्या क्या होनेवाला है. न स्वप्न में और न उसके फल में कुछ संदेह है”. (दानिएल २:४५)

Neb final for D2 blog post articleतब दानिएल ने अपनी बात ख़त्म किया और वहीँ खड़ा रहा. निश्चय ही दानिएल और नबुकद्नेसर एक दुसरे को देख रहे होएँगे.  निश्चय ही यह वहाँ उपस्थित सभी लोगों के बीच एक चुप्पी का माहौल होगा. क्या दानिएल मार डाला जाएगा या उसने नबुकद्नेसर को सब कुछ सही बताया आइये हम देखते हैं.

“इतना सुनकर नबुकद्नेसर राजा ने मुँह के बल गिरकर दानिएल को दण्डवत किया, और आज्ञा दी कि उसको भेट चढाओ, और उसके सामने सुगंध वस्तु जलाओ. (दानिएल २:४६)

Neb on face for D2 blog post articleनबुकद्नेसर दानिएल के सामने अपनी राज सभा के समक्ष मुँह के बल गिर गया और आज्ञा दी कि उसके सामने पशुओ की बलि चढाओ! क्या आप जानते हैं कि इसका मतलब क्या था इसका अर्थ है कि जो कुछ भी नबुकद्नेसर ने स्वप्न में देखा और राजा यह निश्चित जानता था कि उन सब बातो का यही स्पष्टीकरण हो सकता था!

“फिर राजा ने दानिएल से कहा, ‘’ सच तो यह है कि तुम लोगों का परमेश्वर, सब ईश्वरों का ईश्वर राजाओं का राजा और भेदों का खोलने वाला है, इसीलिए तू यह भेद प्रगट कर पाया.”(दानिएल २:४७)

“तब राजा ने दानिएल का पद बड़ा किया, और उसको बहुत से बड़े बड़े दान दिए; और यह आज्ञा दी कि वह बेबीलोन के सारे प्रान्त पर हाकिम और बेबीलोन के पंडितों पर मुख्य प्रधान बने.” (दानिएल २:४८)

जरा सोचिये कि किसी देश का शासक एक जवान किशोर जो कि एक निर्वासित और वास्तव में एक युद्ध बन्दी था के पैरो पर गिर जाए. यह उस समय सारे संसार के समक्ष इस शासक के लिए एक अकल्पनीय प्रभाव था. आइये हम इन सबको देखे और इसका अर्थ जाने. पद ३८ के द्वारा हम जानते हैं कि दानिएल ने कहा कि सोने का सिर नबुकद्नेसर और उसके सम्राज्य बेबीलोन को प्रदर्शित करता है.

“और जहाँ कहीं मनुष्य पाए जाते हैं, वहाँ उसने उन सभों को, और मैदान के जीवजन्तु, और आकाश के पक्षी भी तेरे वश में कर दिए हैं; और तुझको उन सबका अधिकारी ठहराया है. यह सोने का सिर तू ही है.” (दानिएल २:३८)

और अगला पद बताता है कि चाँदी एक दूसरा राज्य जो छोटा होगा का प्रतीक है. अत: मूर्ति के ये भाग राजा या उसके राज्य को प्रदर्शित करते हैं. लेकिन क्यों नबुकद्नेसर और उसका राज्य बेबीलोन को “सोने का सिर” प्रदर्शित किया गया है. कुछ लोग यह सोचते हैं कि दानिएल वहाँ नबुकद्नेसर की चापलूसी कर रहा था. लेकिन परमेश्वर ने स्वयं यह स्वप्न दिया इस कारण यह सम्भव नहीं है. अब यहाँ हम नबुकद्नेसर के परमेश्वर पर बढ़ते हुए विश्वास को देखते हैं जब उसने दानिएल को कहा “सच तो यह है कि तुम लोगों का परमेश्वर सब ईश्वरों का ईश्वर, राजाओं का राजा और भेदों का प्रगट करने वाला है.” (दानिएल २:४७)

अत: उस समय यहाँ अब्राहम के परमेश्वर को सबसे बड़ा ईश्वर प्रमाणित किया. दानिएल के अध्याय ३ में नबुकद्नेसर ने सभी लोगों को यह आज्ञा दी कि सब जगहों पर दानिएल के ईश्वर की उपासना की जावे. और अध्याय ४ जो कि वास्तव में पूरा नबुकद्नेसर ने लिखा है. वह परमेश्वर की महान सामर्थ्य के द्वारा अपने आप को शून्य और पुनर्स्थापित करने पर अपने हृदय के पूर्ण परिवर्तन को बताता है. कोई अन्य विदेशी राजा इस हद तक नहीं पहुंचा जितना कि नबुकद्नेसर और इसीलिए परमेश्वर ने उसे और उसके साम्राज्य बेबीलोन को धन और ज्ञान के साथ सिर के रूप में प्रदर्शित किया. लेकिन आगे दानिएल मूर्ति के अगले हिस्से के बारे में बताता है, छाती और भुजाएँ चाँदी के, जो उस राज्य को  प्रदर्शित करता है जो नबुकद्नेसर के बाद होगा या दुसरे शब्दों में बेबीलोन के बाद आएगा.

arms Persiaबेबीलोन के बाद कौन आएगा? ठीक लगभग ५० वर्षों के बाद, नबुकद्नेसर के पोते के समय बेबीलोन के ऊपर दो राज्यों द्वारा कब्जा कर लिया गया Medes और Persians.

आप यह पूछ सकते हैं कि यह दोहरा साम्राज्य क्या है? इतिहास बताता है कि medes उस जगह से आए थे जोकि आज नार्थवेस्ट ईरान कहलाता है और ये वे लोग हैं जिन्होंने सबसे पहले बेबीलोन पर कब्जा किया था. क्या आपने कभी “दीवार पर हाथ की लिखावट” के बारे में सुना है.

यह वास्तव में दानिएल के ५ वे अध्याय से है जहाँ नबुकद्नेसर के पियक्कड़ पोते की पार्टी में प्रगट रूप से एक हाथ दिखाई दिया था. उस हाथ ने यह लिखा कि “तकेल, अर्थात तू मानो तराजू में तौला गया और हल्का पाया गया है.” (दानिएल ५:२७) और इस प्रकार बेबीलोन का राज्य medes और persian को सौंप दिया गया.

MedesBab 4 blog postयह अध्याय हमे आगे बताता है कि उसी रात को बेबीलोन की सुरक्षा तोड़ दी गई और medes ने उनको हर कर शहर में प्रवेश कर लिया.

लेकिन मजबूत गठबन्धन वाला दूसरा सहयोगी Persian था. ये दोनों लोग प्राचीन संसार में अगली बड़ी शक्ति बन गये थे. अत: मूर्ति का अगला भाग दो हाथ थे जो यह प्रदर्शित करते थे कि बेबीलोन का सम्राज्य कुछ दोहरी प्रकृति वाला होगा. और निश्चय ही अगला सम्राज्य Medes और Persian दोनों का था. इसी प्रकार हम आगे देखेंगे.

अत: अब इतिहास से हम जानते हैं कि बेबीलोन के बाद आने वाला राज्य “चाँदी के हाथ” जिसकी यहाँ भविष्यवाणी की गई है वह Medes और Persian थे. वो तीसरा राज्य “पीतल का भाग” क्या है?bellybrass4blogpost इतिहास से हम जानते हैं कि एलेग्जेंडर महान की अगुवाई में ग्रीस ने ३३३ BC में Persia पर कब्जा कर लिया था. ग्रीस के बारे में पेट और जांघे पीतल की के सम्बन्ध में क्या कोई लक्षण है? वैसे तो ये भाग शारीरिक रूप से महत्वपूर्ण इन्द्रियों का भाग कहा जाता है. और ये लोग बहुत धार्मिक विचारो के थे जैसा कि बाइबल में बताया गया है कि आत्मा का स्थान शरीरों के बीच में होता है.

legs of ironऔर “चौथा लोहे का राज्य” आप इस बारे में क्या सोचते हैं? अब रोमियों ने ग्रीस से संसार की शक्ति को लगभग ४४ BC में ले लिया था. यहाँ लक्षण बिलकुल साफ हैं. जैसे कि रोमी सेना लोहे के समान इतनी मजबूत थी कि उनके लगभग 100 वर्षों के शासनकाल में मूलतःPaxRoman4blogpost कोई लड़ाई नहीं हुई. यह समय

“रोम की शांति” का था और कोई ऐसा राष्ट्र नहीं था जो उनके विरुद्ध उठ खड़ा होता. एक और बात है जो रोमन सम्राज्य के चित्रण में सही है जो कि सैंकड़ो वर्ष पूर्व आरम्भ हुई थी. क्या आप इटली रोमी राज्य की भूमि का मुख्य भाग के आकार के बारे में जानते हैं? इसका आकार किसके समान है? यह एक पैर या बूट के समान है.Rome map 4 blog site और आपके शरीर का सबसे लम्बा भाग कौन सा है? ये आपके पैर ही होते हैं. रोमी सम्राज्य अपने रोम के शहर से लगभग ५०० वर्षों तक जारी रहा.

जैसा कि हमने देखा “दो” भुजाएँ Persia और Medes को प्रगट करती हैं. और यहाँ मूर्ति के “दो” पाँव हैं. क्या रोमी सम्राज्य भी दो था? निश्चित था. रोम के पतन के बाद पश्चिमी भाग का विध्वंस हो गया. लेकिन एक पूर्वी भाग भी था, जोकि Byzantine सम्राज्य कहलाया, जोकि 1000 वर्षों तक चलता रहा, इस पूर्वी भाग का मुख्यालय Constantinople था जोकि आज Istanbul कहलाता है. अत: दो पाँव, चौथे सम्राज्य के दो भाग जैसा कि हमने देखा यह दानिएल और नबुकद्नेसर को लगभग ५०० वर्षो पूर्व ही दिखा दिए गए थे.

तब चौथे सम्राज्य के बाद, रोम के सम्बन्ध में स्थिति बदल गई. वैसे इन अनजान अंगुलियों के बारे में बहुत कुछ है, “… जो कुछ कुम्हार की मिट्टी की और कुछ लोहे की थी.” (दानिएल २:४१) इसका US congress4blogpostअर्थ क्या हो सकता है? अब जबकि लोहा निरंकुश रोमी सीजर और उसके बाद के निरंकुश शासको को दर्शाता है तो वहीँ मिट्टी जनता की सरकार या लोकतंत्र को दर्शाता है. मिट्टी परमेश्वर के शब्दों में “मनुष्यों” को दर्शाता है. जैसा कि यशायाह ६४:८ कहता है “… देख हम तो मिट्टी हैं…”

अत: जनता की सरकार या लोकतंत्र “मिट्टी” की सरकार है. यह एक कमजोर प्रकार की सरकार है क्योंकि इसके पास “लोहे की शक्ति” (दानिएल २:४१) नहीं हैं. जोकि शक्तिशाली मनुष्य की निरंकुशता और उनका मजबूत शासन को दर्शाता है. जैसा कि कुछ निरंकुशताओ को हम इतिहास में आज भी देखते हैं.

और यह कहता है “सम्राज्य बंटा हुआ रहेगा” (दानिएल २:४१) रोम के पतन के बाद राष्ट्रों के टुकड़े हो गये थे, कोई ऐसी शक्ति नहीं थी जो प्रबल हो, हालाँकि नेपोलियन और हिटलर जैसे लोगों ने यह प्रयास किया. समय समय पर लगभग समान शक्ति वाले राज्य अपने अस्तित्व में रहे जैसे british, Spanish, ottoman, और chinese. लेकिन कोई भी राष्ट्र ऐसा प्रबल शक्तिशाली नहीं हुआ जैसे कि रोम अपने समय में था.

लेकिन “…उस पत्थर ने बिना किसी के खोदे …” (दानिएल २:३४) यह क्या है? जो मूर्ति पर लगा, कहाँ? अंगुलियों पर. यह दर्शाता है कि इतिहास के किस बिंदु पर, किस समय पर और कब यह घटित हुआ होगा? रोम के पतन के बाद. और यह पत्थर क्या करता है? यह संसार के सारे समराज्यों को और मनुष्य के सम्राज्य को चकनाचूर कर देता और नष्ट कर देता है. दानिएल क्या कहता पत्थर अंगुलियों पर लगता है और पूरी मूर्ति चूर चूर होकर धूल हो गई और उड़ गई यह क्या दर्शाता है?

यहाँ वह नबुकद्नेसर से क्या कहता है शायद अध्यययन का सबसे अधिक महत्वपूर्ण पद.

“उन राजाओं के दिनों में [कौन से राजा? अँगुलियों के समय हम इसके बारे में और अध्ययन करने जा रहे हैं] स्वर्ग का परमेश्वर, एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनन्तकाल तक न टूटेगा, और न वह किसी दूसरी जाति के हाथ में किया जाएगा. वरन वह उन सब राज्यों को चूर चूर करेगा, और अन्त कर डालेगा, और वह सदा स्थिर रहेगा.” (दानिएल २:४४)

वह पत्थर “जो मूर्ति पर लगा” वह “बड़ा पहाड़ बन कर सारी पृथ्वी में फ़ैल गया”. परमेश्वर स्वयं इस पृथ्वी पर एक सम्राज्य बनाने जा रहा है.

whole earthकब? उस समय जो राष्ट्र रोमी सम्राज्य के बाद बचे या निकल कर आए वे लोहे और मिट्टी की अंगुलियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इसका क्या अर्थ होता है “पत्थर बिना किसी के खोदे” (दानिएल २:३४) यीशु को “सिरे का पत्थर” कहा गया है. (इफिसियों २:२०) जिसे कि मनुष्यों ने अस्वीकार कर दिया परन्तु वह परमेश्वर का चुना हुआ था. वह उस सम्राज्य का वारिस होने जा रहा है जो उसके लिए और उनके लिए जिन्होंने उसे चुना है तैयार की गई है.

और अब मैं यह आशा करता हूँ कि आपने कुछ पाया है. हम देखते हैं कि अभी कुछ बाकी है जोकि पूरा होना है. हम एक भविष्यवाणी को देखते हैं जो अभी पूरी होना बाकी है: उस पत्थर का आना जोकि मनुष्यों के सम्राज्य को चूर चूर करेगा, हम पृथ्वी पर परमेश्वर का राज्य उसके पुत्र यीशु के द्वारा आने वाला है देखते है.

और हम कैसे संदेह कर सकते हैं? नबुकद्नेसर ने भी नहीं किया. वह जानता था कि यही वह सपना है जो उसने देखा था और वह दानिएल के पैरों पर गिर पड़ा. राजा नबुकद्नेसर ने यह स्वीकार किया कि यह परमेश्वर का अदभुत चमत्कार ही है, जिसके परिणामस्वरूप दानिएल को उसने अपने सलाहकार के रूप में पदोन्नत किया.Neb on face for D2 blog post article
यह इस भविष्यवाणी की सबसे अदभुत बात है. इनमे से बहुत सी तो पूरी हो चुकी हैं, सम्राज्य आए और चले गये! तो जैसा कि कहा गया है, अन्तिम अभी तक क्यों पूरी नहीं हुई?

परमेश्वर चाहता है कि हम जाने क्योंकि वह हमसे प्रेम करता है, और उसके पास हमारे लिए इस संसार से कुछ बेहतर है. मेरे पास आपके लिए दोनों अच्छी और बुरी खबर है. यह संसार अब और अधिक बुरा होने जा रहा है. लेकिन अच्छी खबर यह है कि … जोकि हम पढ़ रहे हैं, और जो हमारे लिए हजारों वर्षो पूर्व कहा गया है. मैं आपके साथ फिर से यह वचन शेयर करना चाहता हूँ.

“उन राजाओं के दिनों में स्वर्ग का परमेश्वर एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनन्तकाल तक न टूटेगा, और न वह किसी जाति के हाथ में किया जाएगा…(दानिएल २:४४)

हमने लगभग इस अध्ययन को समाप्त कर लिया है लेकिन मेरे पास एक और छोटी सी बात है. वह यह कि ये सब बाते आपको चिंता या भय में डाल सकती हैं. परमेश्वर इस संसार के सभी राष्ट्रों को नष्ट करने जा रहा है? लेकिन कृपया चिंता न करें. कुछ धार्मिक शिक्षक आपको यह विश्वास दिलाएँगे कि यह अभी पांच मिनटों में होने जा रहा है.

लेकिन आप विश्वास करें कि ऐसा कुछ भी नहीं है. हम अपने अध्ययन में इस मिथ्या शिक्षा को मिटाते जाएँगे जोकि आपके और आपके मित्रो के लिए आश्चर्य करने का कारण होगा. प्रभु यीशु ने कहा कि पृथ्वी पर उसके राज्य के आने के पूर्व कुछ विशेष बातें घटित होंगी, बहुत स्पष्ट चिन्ह, और चेतावनी और हम इन बिन्दुओ का अध्ययन करने जा रहे हैं.

लेकिन सबसे अच्छा तरीका कि आप भयभीत न हों वह यह है यदि आप न जानते हों तो कि आप पृथ्वी पर आने वाले परमेश्वर के राज्य का भाग होने के लिए आमंत्रित हैं. और वह आपके हृदय में अभी इसी समय अपना राज्य स्थापित करने के लिए इच्छुक है. और उसने एक समय कहा है “मैं तुमको नया मन दूंगा, और तुम्हारे भीतर नई आत्मा उत्पन्न करूंगा, और तुम्हे देह में से पत्थर का हृदय निकलकर तुमको मांस का हृदय दूंगा.” (यहेजकेल ३६:२६)

यह हल और उत्तर है. आप उस राज्य को जो आने वाला है अपने हृदय में अभी इसी समय प्राप्त कर सकते हैं और यह वह सदा के लिय स्थिर रहेगा. आइये आप मेरे साथ एक छोटी सी प्रार्थना करें.

“प्रिय यीशु, मैं तेरे राज्य का जो अभी है और जो आने वाला है का एक भाग होना चाहता हूँ. कृपया मेरे हृदय में आइये. मेरे पापों और पत्थर के हृदय को ले लीजिये और जैसा कि आपने वादा किया है मुझे एक नया हृदय और आत्मा दीजिये ताकि मैं आपको और आपके लोगों को प्रेम करते हुए अनन्तकाल तक रह सकूँ.”

यदि अपने यह प्रार्थना कर ली है तो उसने यह कर लिया है. उसने वादा क्या है और वह निश्चित पूरा करेगा.

अपने अगले अध्ययन में हम दानिएल के साथ आगे जाएँगे लेकिन जवान दानिएल के साथ नहीं. जैसा कि अभी हमने अध्ययन किया नबुकद्नेसर के साथ अदभुत मुलाकात के बाद वह अपने वयस्क जीवन में बेबीलोन के सम्राज्य में एक ऊँचे पद पर रहा. और जैसे जैसे उसकी वृद्धा अवस्था आने लगी उसे स्वत:  ही स्वप्नों और आत्मिक अनुभवों के द्वारा ज्ञान प्राप्त होने लगा जोकि सम्पूर्ण बाइबिल में आश्चर्यचकित कर देने वाले थे. आगे हम दानिएल कि पुस्तक के ७ वे अध्याय का अध्ययन करेंगे. यदि अपने दानिएल के २ रे अध्याय के अध्ययन में रूचि पाई है तो मैं आशा करता हूँ कि अगला अध्ययन आपको और अधिक रुचिकर लगेगा.

परमेश्वर आपको आशीष दे!

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मार्क के बारे में

मैं मार्क मैकमिलियन हूँ. मैंने, अपने विदेश में जो ३६ सालों में पाठ पढ़ाये हैं, उन पर आधारित यह वीडियोस की सीरीज बनायीं है. मैं, परमेश्वर की सेवा में, दर्जनों देशो में रहा हूँ, इस प्रयास में कि उसके प्यार को और उसके और उसके पुत्र येसु के ज्ञान को, सभी लोगों के पास हर जगह पहुंचा सकूँ. पढ़ना जारी रखें>>

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